पैडी ट्रांसप्लांटर से एक हजार एकड़ में धान की रोपनी
बिहारशरीफ (नालंदा) : खरीफ मौसम, 2013-14 के दौरान जिले में एक हजार एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की रोपनी किये जाने का लक्ष्य है. इसके लिए किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर पैडी ट्रांसप्लांटर उपलब्ध कराया जायेगा. जिन किसानों के पास पैडी ट्रासप्लांटर नहीं है, उन्हें दूसरे किसान के पैडी ट्रांसप्लांटर […]
बिहारशरीफ (नालंदा) : खरीफ मौसम, 2013-14 के दौरान जिले में एक हजार एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की रोपनी किये जाने का लक्ष्य है. इसके लिए किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर पैडी ट्रांसप्लांटर उपलब्ध कराया जायेगा. जिन किसानों के पास पैडी ट्रासप्लांटर नहीं है, उन्हें दूसरे किसान के पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की रोपनी कराने पर अनुदान दिया जायेगा.
कृषि विभाग ऐसे किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये अनुदान देगा. पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की रोपनी के लिए धान की विशेष नर्सरी तैयार की जाती है. इसके लिए किसानों को विभिन्न मदों से प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गयी है. इसी क्रम में शुक्रवार को थरथरी प्रखंड के डीहा गांव निवासी राम प्रवेश शर्मा की खेत में पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन से धान की रोपनी का किसानों को जीवंत प्रशिक्षण दिया गया.
इस प्रशिक्षण के अवसर पर जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के परामर्शदाता कुमार किशोर नंदा सहित एकंगरसराय, नूरसराय आदि प्रखंडों के किसान, विषय वस्तु विशेषज्ञ, किसान सलाहकार एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी भी मौजूद थे.
इस अवसर पर जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो ने बताया कि कृषि में मजदूरों की कमी को देखते हुए सरकार कृषि के यांत्रिकीकरण पर जोर दे रही है. इसके लिए हंसुआ, खुरपी जेसे छोटे यंत्र से लेकर कंबाइन हार्वेस्टर तक के बड़े यंत्रों पर भी अनुदान की व्यवस्था की गयी है. धान के रोपनहारों की कमी को देखते हुए धान की रोपनी मशीन से कराने का प्रयास किया जा रहा है. प्रचार-प्रसार के माध्यम से पैडी ट्रांसप्लांटर के उपयोग को बढ़ावा दिया जायेगा. इससे मजदूरों की कमी से जूझ रहे किसानों को कृषि कार्य में काफी मदद मिलेगी.
* पैडी ट्रांसप्लांटर से लाभ
* एक पैडी ट्रांसप्लांटर एक घंटे में करता है 10 मजदूरों के कार्य
* पैडी ट्रांस ट्रांसपलांटर से प्रति एकड़ 1800 रुपये मजदूरी की बचत
* पैडी ट्रांसप्लांटर से समान पंक्ति में होती है रोपनी
* उपज परंपरागत के बराबर या उससे अधिक उत्पादन
* रोपे गये धान की फसल में रोग के लक्षण कम पाये जाते हैं