वर्ष के पहले ही दिन दो की हुई हत्या
बिहारशरीफ (नालंदा) : बीता वर्ष अपराध के नाम रहा. इसकी गवाही पुलिस की रनिंग रजिस्टर दे रही है. एसआर (स्पेशल नेचर) कांडों की भरमार रही. इस मामले में पुलिस ने भी अपनी उपलब्धता दिखाते हुए पूरे जिले से 11 हजार से अधिक की गिरफ्तारी दिखायी. नये वर्ष का आगाज होते ही अपराधी फिर सक्रिय हो […]
बिहारशरीफ (नालंदा) : बीता वर्ष अपराध के नाम रहा. इसकी गवाही पुलिस की रनिंग रजिस्टर दे रही है. एसआर (स्पेशल नेचर) कांडों की भरमार रही.
इस मामले में पुलिस ने भी अपनी उपलब्धता दिखाते हुए पूरे जिले से 11 हजार से अधिक की गिरफ्तारी दिखायी. नये वर्ष का आगाज होते ही अपराधी फिर सक्रिय हो गये. पहले ही दिन दो लोगों की हत्या कर दी गयी. हत्या का तरीका भी किसी गैंग वार की तर्ज पर था.
अभी तक के हालिया अनुसंधान में पुलिस उक्त दोनों हत्याओं में किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है. पहली घटना जिले के दीप नगर थाना क्षेत्र के महानंदपुर गांव के पास सत्यम इंस्टीट्यूट के संचालक के भाई को गोलियों से भून कर उसकी जान ले ली. हत्या की यह कड़ी किस साजिश का परिणाम है, यह तो आनेवाला अनुसंधान ही बतायेगा.
एनएच-31 से एक किमी के अंदर है घटनास्थल : मृतक के परिजनों का साफ-साफ कहना है कि यह हत्या रंगदारी नहीं दिये जाने पर की गयी है. वहीं इस मामले में पुलिस कह रही है कि अगर रंगदारी की बात थी तो इसकी सूचना पूर्व में पुलिस को क्यों नहीं दी गयी. महानंदपुर गांव के पास जिस स्थान पर सत्यम आइटीआइ इंस्टीट्यूट को बनाया जा रहा है, वह एनएच-31 से करीब एक किलोमीटर अंदर है.
आसपास काफी सन्नाटा रहता है. इस हत्या में पुलिस व मृतक के परिजन यह स्पष्ट रूप से नहीं बता पा रहे हैं कि आखिर हत्या किस वक्त हुई. एक साथ पांच गोली मारने वाले अपराधियों ने रजनीश उर्फ पप्पू को संभलने का भी मौका नहीं दिया. मृतक तीन भाई बताये जाते हैं. बड़े भाई संजीव कुमार सीआरपीएफ में हैं,वर्तमान में वे बरौनी रिफाइनरी में पदस्थापित हैं. वहीं, दूसरे भाई राजीव रंजन जयपुर में इंस्टीट्यूट चलाते हैं. राजीव द्वारा ही महानंदपुर में सत्यम आइटीआइ की स्थापना की जा रही थी. छोटा भाई रजनीश उर्फ पप्पू वहां की रखवाली किया करता था.