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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की अपेक्षा बेमानी

* वेतनमान की मांग को लेकर नियोजित शिक्षकों ने दिया धरना बिहारशरीफ (नालंदा) : वेतनमान व अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर पुस्तकालयाध्यक्ष व नवनियुक्त प्रारंभिक व माध्यमिक उच्च माध्यमिक संघ की नालंदा इकाई के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को स्थानीय अस्पताल चौक पर एक दिवसीय धरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 20, 2013 11:18 PM

* वेतनमान की मांग को लेकर नियोजित शिक्षकों ने दिया धरना

बिहारशरीफ (नालंदा) : वेतनमान व अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर पुस्तकालयाध्यक्ष व नवनियुक्त प्रारंभिक व माध्यमिक उच्च माध्यमिक संघ की नालंदा इकाई के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को स्थानीय अस्पताल चौक पर एक दिवसीय धरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना एवं उद्बोधन गीत से की गयी.

साथ हीं छपरा की घटना में मृत बच्चों के लिए दो मिनट का मौन रख कर शोक व्यक्त किया गया. धरना सभा को संबोधित करते हुए नवनियुक्त माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सह संयुक्त मोरचा के सह संयोजक डॉ गणोश शंकर पांडेय ने कहा कि सरकार को शिक्षा का राजनीतिकरण बंद कर शिक्षकों के प्रति अपनी मंशा साफ करनी होगी.

नियोजित शिक्षक व पुस्तकालयाध्यक्ष पूरी तरह गोलबंद होकर वेतनमान व अन्य सुविधाओं की मांग के लिए निर्णायक आंदोलन के मूड में हैं. अब उनकी आवाज को दमनात्मक कार्रवाई के सहारे सरकार द्वारा दबाना संभव नहीं है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि मानसून सत्र में अगर नवनियुक्त शिक्षकों के वेतनमान की घोषणा नहीं हुई तो नीतीश सरकार का जाना तय हो जायेगा.

संयुक्त मोरचा के प्रदेश प्रतिनिधि मदन कुमार, भारतेंदु कुमार, जिलाध्यक्ष रोशन कुमार, संजीत कुमार व अन्य कई वक्ताओं ने कहा कि सरकार को दमन व शोषण से त्रस्त शिक्षकों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की अपेक्षा करना बेमानी है. उन्होंने कहा कि 29 जुलाई को पटना में आयोजित महा धरना एवं प्रदर्शन कार्यक्रम में नवनियुक्त शिक्षक व पुस्तकालयाध्यक्ष अपनी चट्टानी एकता का परिचय देंगे.

नीतीश सरकार अगर शिक्षकों की बदहाली से मुक्ति दिलाने के लिए वेतनमान की घोषणा नहीं की तो आगामी चुनावों में महाराजगंज के तर्ज पर खामियाजा भुगतना होगा. मोरचा के प्रदेश सचिव माध्वी सिन्हा, जिला संयुक्त सचिव संध्या कुमारी, जिला सचिव धर्मेद्र कुमार, राणा रणजीत कुमार आदि ने अपने संबोधन में कहा कि 6 से 8 माह में मानदेय का भुगतान, गैर शैक्षणिक कार्यो में प्रतिनियुक्ति, मध्याह्न भोजन, साइकिल व पोशाक योजना आदि की समस्याएं नवनियुक्त शिक्षक कुंठित महसूस कर रहे हैं.

सभा का संचालन करते हुए राकेश रंजन पांडेय एवं सुधीर पांडेय ने कहा कि शिक्षकों को कुचल कर शिक्षा का विकास नहीं किया जा सकता. वहीं मुकेश कुमार ने काटरून के माध्यम से शिक्षकों की समस्याओं को प्रदर्शित किया. इस मौके पर विनायक लोहानी, मो. हरशाद, रंजय कुमार, सुधीर कुमार सहित कड़ी संख्या में नवनियुक्त शिक्षक व पुस्तकालयाध्यक्ष मौजूद थे.

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