मेंथा की फसल उपजा किसान हो रहे समृद्ध
एकंगरसराय (नालंदा) : प्रखंड क्षेत्र की पाथरु पंचायत के पाथरु एवं पाथरु मठ गांव के करीब आधा दर्जन से ज्यादा किसान मेंथा एवं पिपराटा की फसल से मेंथा व पिराटा ऑयल से आत्मनिर्भर हो रहे है. पाथरु एवं पाथरु मठ गांव के किसानों द्वारा करीब 25 एकड़ भूमि पर मेंथा एवं पिपराटा की फसल लगायी […]
एकंगरसराय (नालंदा) : प्रखंड क्षेत्र की पाथरु पंचायत के पाथरु एवं पाथरु मठ गांव के करीब आधा दर्जन से ज्यादा किसान मेंथा एवं पिपराटा की फसल से मेंथा व पिराटा ऑयल से आत्मनिर्भर हो रहे है. पाथरु एवं पाथरु मठ गांव के किसानों द्वारा करीब 25 एकड़ भूमि पर मेंथा एवं पिपराटा की फसल लगायी गयी है, जिससे तेल निकाल कर महंगे दामों में बेच कर किसान खुशहाल बन रहे हैं.
पाथरु निवासी मुन्ना प्रसाद, पाथरु मठ गांव निवासी सुमन प्रसाद, अजय प्रसाद, शंकर प्रसाद, किशोर प्रसाद समेत कई किसानों ने बताया कि मेंथा एवं पिपराटा की फसल को आश्वन मंत्र के द्वारा ऑयल निकाल कर पटना की मंडी में अच्छे कीमत पर बेचते हैं. मेंथ एवं पिपराटा का जड़ सकर उत्तर प्रदेश के लखनऊ से लाते हैं. जड़ सकर 50 रुपये प्रति किलो मिलता है.
एक बीघा जमीन में 40 से 45 किलो जड़ सकर लगता है, जिस पर 11 से 12 हजार रुपये खर्च आते हैं. यह फसल चैत महीने में रोपा जाता है. इस पौधे की तीन बार कटनी होती है. एक कट्ठे में लगी फसल से करीब डेढ़ किलो तेल निकलता है, जो अभी आठ सौ रुपये प्रति किलो है. किसानों ने बताया कि पौधे अच्छे रहे तो एक बीघा में करीब 70-75 हजार रुपये की आमदनी हो जाती है.
सरकार द्वारा एक बीघा में साढ़े पांच हजार की राशि की सब्सिडी दी जाती है. किसानों ने बताया कि धान की फसल उपजा कर यह फसल लगायी जाती है. इन लोगों की देखादेखी अन्य किसान भी मेंथा एवं पिपराटा की खेती करने का मूड बना रहे है.