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शिव मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु

* बेलपत्र चढ़ाने के लिए लगीं श्रद्धालुओं की कतारें बिहारशरीफ : सावन का महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण महीना है. शिव भक्त पूरे सावन मास शिव की पूजा-अर्चना करते हैं. सावन मास की सोमवारी शिव भक्तों के लिए अलग महत्व रखता है. सावन मास की पहली सोमवारी के अवसर पर शहर के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 30, 2013 3:59 AM

* बेलपत्र चढ़ाने के लिए लगीं श्रद्धालुओं की कतारें

बिहारशरीफ : सावन का महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण महीना है. शिव भक्त पूरे सावन मास शिव की पूजा-अर्चना करते हैं. सावन मास की सोमवारी शिव भक्तों के लिए अलग महत्व रखता है. सावन मास की पहली सोमवारी के अवसर पर शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित शिव मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है.

महिलाएं व पुरुष अहले सुबह से शिव मंदिरों के समीप बेलपत्र व जल चढ़ाने के लिए कतारबद्ध हो गये थे. बोलबम व शिव शंकर के जयकारे से शिव मंदिर गूंजते रहे. मंदिरों में घंटों की आवाज दिन भर गूंजती रही. मंदिरों में घंटों की आवाज दिन भर गूंजती रही.

पहली सोमवारी को लेकर कई शिव मंदिरों, भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया गया है. स्थानीय रामचंद्रपुर स्थित शिव मंदिर में महिलाओं द्वारा 24 घंटे का भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया है. महिलाएं ढोलक-झाल लेकर शिव भजन करने में मशगूल हैं. शिव मंदिरों को आकर्षक लाइटों से सजाया गया है.

श्रद्धालुओं द्वारा सोमवारी को लेकर शिव मंदिरों की रंगाई पुताई भी की गयी है. शिव मंदिरों के पास फल, बेल पत्र, धतुरा आदि बेचने वालों ने दुकानें सजायी हैं. इन दुकानों पर फूल, बेलपत्र, धतुरा आदि खरीदने वालों की भीड़ लगी हुई है. अधिकांश महिलाओं ने मालियों से पूरे सावन भर बेल पत्र व फूल उपलब्ध कराने का समझौता किया.

पूरे महीने में प्रतिदिन एक दर्जन बेल पत्र प्रतिदिन देने के एवज में मालियों द्वारा 300 से लेकर 350 रुपये में सौदा किया गया है. मालियों द्वारा बरगद के पत्ते में बेल पत्र व फूल लपेट कर घर-घर पहुंचा रहे हैं. सावन को देखते हुए मंदिर के पुजारियों की आमदनी भी बढ़ गयी है.

* सोमवारी पर किया जलाभिषेक

तेल्हाड़ा (नालंदा) : श्रावण मास की पहली सोमवारी को शिवभक्तों ने विभिन्न शिवालयों में शिवलिंग की पूजा-अर्चना कर जलाभिषेक किया. सोमवार को प्रखंड क्षेत्र के सभी शिवालयों को भक्त द्वारा सजाया गया. सुबह से देर रात्रि तक कई शिवालयों में भजन कीर्तन एवं पूजा-अर्चना होती रही. नर नारियों ने सोमवार को उपवास रख कर शाम को शिवलिंग पर बेल पत्र, धतुरा, फल एवं कई प्रकार के फलों को चढ़ा कर जलाभिषेक कर शिव का आराधना किया.

पूरे शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शिव पार्वती के गीतों से गुंजायमान हो उठी. कई शिवालयों में ग्रामीणों द्वारा रातों भर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वहीं दूसरी ओर रविवार की रात्रि में सैकड़ों बनावर सिद्धनाथ पर जलाभिषेक करने जाने वाले डाक बम को एकंगरसराय पुरंदरपुर, खगड़िया चौराहा, काली स्थान, मिल्कीपर, जगाई गांव के समीप गांव वासियों द्वारा मुफ्त में गरम, ठंडा जल, नींबू फल, दवा आदि सामग्री दी गयी.

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