बिहारशरीफ (नालंदा) : मानव जीवन का अस्तित्व पृथ्वी एवं पर्यावरण पर निर्भर है. एक स्वस्थ एवं सुरक्षित पर्यावरण के बिना मानव की समाज की कल्पना अधूरी है. हाल के वर्षो में तेजी से बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण से मानव का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. ग्लोबल वार्मिग की समस्या तेजी से बढ़ रही है.
इसके कारण तरह–तरह की समस्याएं पैदा हो रही हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए लोगों में खास कर बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से आठ अगस्त को बिहार पृथ्वी दिवस का आयोजन किया जा रहा है. बिहार पृथ्वी दिवस के अवसर पर सब लोग मिल कर यह संकल्प लेंगे कि अधिक–से–अधिक पौधरोपण कर अपनी पृथ्वी को न केवल ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से सुरक्षित करेंगे, बल्कि अपने पर्यावरण को भी स्वच्छ रखेंगे.
आठ अगस्त को बिहार पृथ्वी दिवस के अवसर पर जिले के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी प्राथमिक, मध्य विद्यालयों एवं उच्च विद्यालयों में संकल्प सभा का आयोजन किया जायेगा. इस संकल्प सभा में जिले के 2159 सरकारी प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में 207 सरकारी हाइ स्कूलों व प्रस्वीकृति प्राप्त विद्यालयों के अलावा गैर सरकारी विद्यालयों के करीब सात लाख स्कूली बच्चे पर्यावरण की रक्षा एवं पृथ्वी की सुरक्षा करने का संकल्प लेंगे. विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा बच्चों को यह संकल्प दिलाया जायेंगे.
– पृथ्वी दिवस के अवसर पर बच्चे लेंगे संकल्प
* पृथ्वी के संरक्षण तथा पर्यावरण के संतुलन को बनाये रखने के लिए सदैव कार्य करेगा.
* वर्ष में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाउंगा, इसे बचाउंगा तथा पेड़–पौधों के संरक्षण में सहयोग करूंगा
* तालाब, नदी एवं पोखर आदि को प्रदूषित नहीं करूंगा.
* जल का दुरुपयोग नहीं होने दूंगा तथा इस्तेमाल के तुरंत बाद सावधानी पूर्वक नल को बंद करूंगा.
* बिजली का अनावश्यक उपयोग नहीं करूंगा तथा आवश्यकता नहीं रहने पर बिजली के बल्ब, पंखा एवं अन्य उपकरणों को बंद रखूंगा.
* कूड़ा–कचरा को निर्धारित स्थानों पर रखे डस्टबीन में डालूंगा तथा अन्य लोगों से भी इसके लिए अनुरोध करूंगा
* अपने घर तथा स्कूल को साफ–सुथरा रखूंगा
* प्लास्टिक/पॉलीथीन का उपयोग बंद कर इसके स्थान पर कपड़े या कागज के बने झोलों व थैलों का उपयोग करूंगा.
* पशु–पक्षियों के प्रति दया का भाव रखूंगा.
* नजदीक के कार्यो के लिए साइकिल का प्रयोग करूंगा अथवा पैदल जाउंगा.