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लोगों में जहर का दहशत व्याप्त

* विद्यालय के चापाकल से पानी पीने से कतरा रहे राहगीर बिहारशरीफ (नालंदा) : आये दिन विद्यालय के चापाकलों में जहर व अन्य पदार्थ डालने की बढ़ती जा रही घटनाओं से बच्चे, उनके अभिभावक, विद्यालय के शिक्षक, विभाग के अधिकारी सहित आम लोग आहत हैं. बदले माहौल में विद्यालय के चापाकलों पर प्यास बुझाने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2013 3:44 AM

* विद्यालय के चापाकल से पानी पीने से कतरा रहे राहगीर

बिहारशरीफ (नालंदा) : आये दिन विद्यालय के चापाकलों में जहर अन्य पदार्थ डालने की बढ़ती जा रही घटनाओं से बच्चे, उनके अभिभावक, विद्यालय के शिक्षक, विभाग के अधिकारी सहित आम लोग आहत हैं. बदले माहौल में विद्यालय के चापाकलों पर प्यास बुझाने के लिए जाने से आम लोग राहगीर कतरा रहे हैं.
आज
के माहौल में विद्यालय परिसर में अनजान लोगों का विद्यालय परिसर में कदम रखना भी महंगा पड़ रहा है. अनजान लोगों के विद्यालय में कदम रखते ही बच्चे हल्ला करने लगते हैं और इसका परिणाम यह हो रहा है कि उन्हें जम कर पिटाई खानी पड़ रही है. ऐसी स्थिति में विभाग के अधिकारी कई प्रकार के कार्यक्रमों को लेकर एनजीओ के सदस्यों को विद्यालय जाने से मना कर रहे हैं.

सर्व शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी रवि कुमार सिंह से एनजीओ के कुछ सदस्यों ने विद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित करने का आग्रह किया. इस पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने बदले माहौल में एनजीओ के सदस्यों को विद्यालय में जाने और वहां कार्यक्रम आयोजित करने से मना कर दिया. कार्यक्रम पदाधिकारी का कहना था कि आप लोगों को तो विद्यालय के शिक्षक या हेडमास्टर जानते हैं और बच्चों उनके अभिभावक. ऐसी स्थिति में विद्यालय में जाना ठीक नहीं है.

कार्यक्रम पदाधिकारी ने एनजीओ के सदस्यों को पहले बीइओ के साथ बैठक करने और उसके बाद विद्यालय में कार्यक्रम आयोजित करने की हिदायत दी. माहौल इस कदर खराब हो चुका है कि वास्तव में प्यासे लोग भी अपनी प्यास बुझाने के लिए चापाकल पर जाते हैं, तो उन्हें खदेड़ा जा रहा है. ऐसा ही नजारा नगरनौसा प्रखंड के बडीहा गांव में स्थित विद्यालय में गुरुवार को देखने को मिला. कुछ राहगीर प्यास लगने पर विद्यालय के चापाकल पर पानी पीने के लिए गये थे.

बच्चों की नजर जब इन अनजान लोगों पर पड़ी तो वे हल्ला करने लगे और देखते हीं देखते ग्रामीण विद्यालय की ओर दौड़ पड़े. बेचारे राहगीर भागने में ही अपनी भलाई समझे और वे जान बचा कर किसी तरह भाग निकले. इस तरह की घटना केवल नगरनौसा की नहीं है, बल्कि पूरे जिले में देखने को मिल रहा है.

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