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कॉलेज में की तालाबंदी

चंडी (नालंदा) : नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज में कुव्यवस्था से नाराज छात्रों का दूसरे दिन भी हंगामा जारी रहा. छात्रों के आक्रोशित मूड को देखते हुए प्राचार्य तथा अन्य शिक्षक दूसरे जगह आश्रय लेते देखे गये. शनिवार को भी छात्र–छात्राओं ने अपनी मांगों को लेकर धरना जारी रखा. लगभग सौ की संख्या में विभिन्न ब्रांचों के […]

चंडी (नालंदा) : नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज में कुव्यवस्था से नाराज छात्रों का दूसरे दिन भी हंगामा जारी रहा. छात्रों के आक्रोशित मूड को देखते हुए प्राचार्य तथा अन्य शिक्षक दूसरे जगह आश्रय लेते देखे गये. शनिवार को भी छात्रछात्राओं ने अपनी मांगों को लेकर धरना जारी रखा.

लगभग सौ की संख्या में विभिन्न ब्रांचों के छात्र इस धरना में शामिल हुए. छात्र समुचित फैकल्टी, पाठ्यक्रम पूरा करने, कंप्यूटर तथा अन्य लैब की व्यवस्था, बिजलीपानी तथा शौचालय की मांग कर रहे हैं. शुक्रवार को भी छात्रों ने कार्यालय में शिक्षकों को बंधक बना कर घंटों हंगामा किया.

शनिवार को धरना पर बैठे छात्रछात्राओं को समझाने के लिए हिलसा एसडीएम अजीत कुमार सिंह, एसडीपीओ राकेश कुमार सिन्हा, थानाध्यक्ष कमलेश प्रसाद शर्मा कॉलेज पहुंचे. घंटों माथापच्ची के बाद कॉलेज के प्राचार्य सीबी महतो ने कॉलेज में कंप्यूटर लैब तथा कुछ अन्य मांग पर यथाशीघ्र एक्शन लिया जायेगा. तब जाकर छात्रछात्राओं का गुस्सा शांत हुआ तथा वे धरने से उठ गये.

* चार माह से नहीं मिला वेतन

नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज में शिक्षकों को चार माह से वेतन के लाले पड़े हुए हैं. काफी विषम परिस्थितियों में कॉलेज में शिक्षक छात्रों को पढ़ाने में लगे हुए हैं, लेकिन उन्हें समय पर वेतन नसीब नहीं होता है. जबकि अन्य कॉलेज को आवंटन मिल चुका है. यहां आवंटन के अभाव में शिक्षक वेतन से वंचित हैं. इसके अलावा अन्य मद का भी आवंटन नहीं होने के बावजूद कॉलेज प्रशासन बसों का किराया के अलावा अन्य आवश्यक सामग्री को सुचारु रूप से चला रही है.

नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज कहने को तो एमआइटी मुजफ्फरपुर के बाद सबसे बड़ा कॉलेज का दर्जा मिला हुआ है. 19 नवंबर, 2008 को अस्तित्व में आये इस कॉलेज में इलेक्ट्रिकल, सिविल, मैकेनिकल तथा कंप्यूटर साइंस ब्रांच की व्यवस्था है. कुल 65 फैकल्टी के विरुद्ध महज छह फैकल्टी हीं इस कॉलेज के पास है. जिनमें सिविल तथा कैकेनिकल में एक भी फैकल्टी नहीं है. जबकि इलेक्ट्रिकल तथा कंप्यूटर साइंस में एकएक शिक्षक हैं.

* नहीं पढ़ायेंगे संविदा शिक्षक

नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज के अलावा राज्य के सभी तकनीकी कॉलेजों में अब दैनिक वेतन भोगी शिक्षक तथा कर्मचारी कार्य नहीं करेंगे. यह फरमान शिक्षकों का नहीं, बल्कि विज्ञान एवं प्रावैद्यिकी विभाग के संयुक्त सचिव का है. राज्य के सभी तकनीकी कॉलेजों में शिक्षकों तथा कर्मचारियों की बहाली नहीं होने की वजह से पूर्व में दैनिक वेतनभोगी शिक्षक एवं कर्मचारी से कार्य लिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

पत्र में साफ निर्देशित है कि राज्य सरकार द्वारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी से कार्य नहीं लेने का आदेश है. ऐसे हालात में कोई संस्थान कार्य लेती हे तो उनका वेतन भुगतान वेतन पर रखने वाले पदाधिकारी से वसूली की जायेगी.

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