दूसरी बार दक्षता परीक्षा में फेल शिक्षकों में अधिकतर महिलाएं
बिहारशरीफ (नालंदा) : हाइ कोर्ट के आदेश पर दूसरी दक्षता परीक्षा में फेल होनेवाले जिले के 26 शिक्षकों की सेवा समाप्त हो गयी है. जिन शिक्षकों की सेवा समाप्त हो गयी है, उनमें अधिकतर महिला शिक्षक शामिल हैं. ऐसे शिक्षकों में 24 महिला व सिर्फ दो पुरुष शिक्षक शामिल है. शिक्षक नियोजन में आरक्षण मिलने […]
बिहारशरीफ (नालंदा) : हाइ कोर्ट के आदेश पर दूसरी दक्षता परीक्षा में फेल होनेवाले जिले के 26 शिक्षकों की सेवा समाप्त हो गयी है. जिन शिक्षकों की सेवा समाप्त हो गयी है, उनमें अधिकतर महिला शिक्षक शामिल हैं. ऐसे शिक्षकों में 24 महिला व सिर्फ दो पुरुष शिक्षक शामिल है.
शिक्षक नियोजन में आरक्षण मिलने के बाद महिलाएं घर की चौखट लांघ कर बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल की ओर चल पड़ी थी. घर-परिवार की देखभाल की जिम्मेवारी के साथ-साथ महिलाएं स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने व स्वयं पढ़ने का टेंशन एक साथ नहीं ङोल पायी. घर से स्कूल व स्कूल से घर की भाग-दौड़ भरी इस जिंदगी के बीच खुद योग्यता साबित करने में महिला शिक्षिका असफल रही. दक्षता परीक्षा में निर्धारित न्यूनतम अंक प्राप्त करने में असफल रहने के बाद इन शिक्षकों को शिक्षक की सेवा से हाथ धोना पड़ा.
बिहार पंचायत प्रारंभिक शिक्षक नियमावली 2009 और बिहार नगर प्रारंभिक शिक्षक नियोजन नियमावली 2009 के नियम 12 के उपनियम 3 में यह प्रावधान है कि दो बार दक्षता परीक्षा में शामिल होने के निर्धारित न्यूनतम अंक से कम अंक प्राप्त करनेवाले शिक्षकों को सेवा से हटा दिया जायेगा.
हालांकि 2012 में सरकार द्वारा नियमावली में संशोधन करते हुए दो बार दक्षता परीक्षा में फेल हुए शिक्षकों को एक और अवसर देने की बात कही गयी थी. मगर हाइ कोर्ट ने सरकार के इस आश्वासन को नहीं माना और वैसे शिक्षकों को हटाने का आदेश दे दिया गया. हाइ कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने सभी डीइओ व नियोजन इकाइयों को ऐसे शिक्षकों को हटाने का निर्देश दिया है.
प्रधान सचिव का पत्र प्राप्त होते ही जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी नियोजन इकाइयों को वैसे शिक्षकों को अविलंब हटाने का आदेश दिया है.