स्नातक अंतिम खंड की परीक्षा की तैयारी में जुटे परीक्षार्थी

सब्जेक्ट नोट्स एवं गेस पेपरों से कर रहे पढ़ाई गेस क्वेश्चन पर विद्यार्थियों की विशेष नजर बिहारशरीफ : मगध विश्ववविद्यालय, बोधगया द्वारा स्नातक तृतीय खंड की परीक्षा की तिथि घोषित किये जाने के बाद जिले के तृतीय खंड के विद्यार्थियों ने अपनी परीक्षा की तैयारी तेज कर दी है. अब विद्यार्थी जहां अपने अध्ययन समय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2015 8:01 AM
सब्जेक्ट नोट्स एवं गेस पेपरों से कर रहे पढ़ाई
गेस क्वेश्चन पर विद्यार्थियों की विशेष नजर
बिहारशरीफ : मगध विश्ववविद्यालय, बोधगया द्वारा स्नातक तृतीय खंड की परीक्षा की तिथि घोषित किये जाने के बाद जिले के तृतीय खंड के विद्यार्थियों ने अपनी परीक्षा की तैयारी तेज कर दी है. अब विद्यार्थी जहां अपने अध्ययन समय को बढ़ा रहे हैं. वहीं मूल पुस्तकों के बजाय शिक्षकों द्वारा दिये गये सब्जेक्ट नोट्स एवं गेसपेपर पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. कई विद्यार्थी अपने-अपने विषयों के गेस क्वेश्चन को याद करने तथा उनके अभ्यास में जुटे हैं.
स्थानीय नालंदा कॉलेज के बीए तृतीय खंड के छात्र मनीष कुमार ने बताया कि अब परीक्षा में मात्र 15 दिन का समय रहने के कारण सीमित सब्जेक्ट मैटर पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है. वैसे तो व्याख्याताओं द्वारा दिये गये सब्जेक्ट नोट्स सर्वाधिक कारगर है, फिर भी एक बार बाजारों में उपलब्ध गेस पेपर भी देख लेना आवश्यक है. किसान कॉलेज की छात्र अर्चना कुमारी ने बताया कि परीक्षा में कम समय रहने के कारण अब विभिन्न विषयों के गेस क्वेश्चन पढ़ना ज्यादा लाभकारी प्रतीत होता है. हालांकि पूरे सिलेबस की जानकारी रखना अत्यंत आवश्यक होता है. ये कोई जरूरी तो नहीं है कि सारे क्वेश्चन गेस क्वेश्चन से मिलते-जुलते ही परीक्षा में आ जाएं.
विज्ञान के विद्यार्थियों को है थोड़ा तनाव
स्थानीय पटेल कॉलेज के तृतीय खंड के विज्ञान के विद्यार्थी संतोष कुमार ने बताया कि कला संकाय में प्रश्न सीधे-सीधे आने के कारण उनका जवाब देना आसान होता है, जबकि विज्ञान विषयों में प्रश्न अक्सर मिले-जुले होते हैं. एक ही प्रश्न में छोटे-छोटे दो या तीन प्रश्नों को मिला कर पूछे जाने से विद्यार्थियों को कठिनाई होती है.
इसके लिए विज्ञान के विद्यार्थियों को हर छोटी-छोटी बातों पर भी ध्यान रखना आवश्यक होता है. अन्यथा किसी प्रश्न का एक भाग का उत्तर दिये जाने के बावजूद दूसरा भाग छूट जाता है. ऐसे में विज्ञान के विद्यार्थियों को अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है.

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