क्रॉप कटिंग में 41 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गेहूं का उत्पादन

बिहारशरीफ. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत जिले में जीरो टीलेज से गेहूं की खेती का प्रत्यक्षण बड़े पैमाने पर किया गया है. इन गेहूं की फसलों की क्रॉप कटिंग की जा रही है. इसी के तहत हरनौत प्रखंड के महतवर,कल्याण बिगहा,सबनहुआ व चिरैंया पर गांव में क्रॉप कटिंग की गयी. महतवर गांव की सीता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 12, 2015 8:22 AM
बिहारशरीफ. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत जिले में जीरो टीलेज से गेहूं की खेती का प्रत्यक्षण बड़े पैमाने पर किया गया है. इन गेहूं की फसलों की क्रॉप कटिंग की जा रही है. इसी के तहत हरनौत प्रखंड के महतवर,कल्याण बिगहा,सबनहुआ व चिरैंया पर गांव में क्रॉप कटिंग की गयी.
महतवर गांव की सीता देवी की खेत में गेहूं की क्रॉप कटिंग में उपज 38.56 क्विंटल प्रति हेक्टेयर प्राप्त की गयी. इसी प्रकार कल्याण बिगहा गांव की सिया दुलारी देवी की खेत में क्रॉप कटिंग के दौरान उपज 35.21 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, सबनहुआ-चौरिया के वीरमणी कुमार की खेत में क्रॉप कटिंग में उपज 33.75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, चिरैया पर की सरिता देवी के खेत में की गयी क्रॉप कटिंग में उपज 41 क्विंटल प्रति हेक्टेयर प्राप्त हुई.
बेमौसम बारिश होने के कारण दो से तीन प्रतिशत की क्षति होने के बावजूद उत्पादन को अच्छा कहा जा सकता है. किसानों ने बताया कि जीरो टिलेज से गेहुं की खेती में लागत कम आती है, जबकि मुनाफा अधिक होता है. किसानों ने अगले वर्ष से और अधिक खेत में जीरो टीलेज से खेती करने की बात कही. इस अवसर पर जिला कृषि पदाधिकारी वैद्यनाथ रजक ने कहा कि खेती की बढ़ती लागत के मद्देनजर इस विधि को अपनाना किसानों के लिए काफी उपयोगी व लाभकारी साबित हो रही है.
क्रॉप कटिंग तकनीकी सहायक धनंजय कुमार की देखरेख में की गयी. उन्होंने बताया कि परंपरागत कृषि की अपेक्षा इस विधि से गेहूं की खेती में 20 से 25 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर उत्पादन लागत की बचत होती है. साथ ही समय पर गेहूं की बुआई संभव होती है.

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