कम मजदूरी देना है अपराध
बिहारशरीफ: स्थानीय टाउन हॉल में श्रम दिवस के अवसर पर जिले के ग्रामीण श्रमिकों को एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर लगाया गया. इसका उद्घाटन उपविकास आयुक्त साकेत कुमार ने किया. इस अवसर पर जिले की 249 पंचायतों से आये श्रमिकों से डीडीसी ने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित मजदूरी मजदूरों को दी जानी चाहिए. मजदूरी की […]
बिहारशरीफ: स्थानीय टाउन हॉल में श्रम दिवस के अवसर पर जिले के ग्रामीण श्रमिकों को एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर लगाया गया. इसका उद्घाटन उपविकास आयुक्त साकेत कुमार ने किया. इस अवसर पर जिले की 249 पंचायतों से आये श्रमिकों से डीडीसी ने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित मजदूरी मजदूरों को दी जानी चाहिए. मजदूरी की हकमारी करने की शिकायत मिलने पर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने बाल मजदूरी पर रोक लगाने की हिदायत श्रम संसाधन विभाग के श्रम अधीक्षक को देते हुए कहा कि बच्चों को नौकर के रूप में रखना, ढाबा, होटल-मोटल, जलपान गृहों एवं मनोरंजन गृह में बच्चों से काम लेना निषेध कर दिया गया है. बच्चों से काम लेने पर नजर रखने के लिए जिला स्तर पर श्रमाधीक्षक से लेकर श्रम प्रवर्तन अधिकारी तैनात हैं. बाल श्रमिक कल्याण के लिए बिहार बाल श्रमिक आयोग का गठन राज्य सरकार ने किया है. बाल श्रमिकों को उचित शिक्षा देने के लिए राज्य के 24 जिलों में (जिसमें नालंदा भी शामिल है) विशेष बाल श्रमिक विद्यालय खोले गये हैं. डीडीसी ने यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर घर लौटने वाले श्रमिकों से पंचायत के अन्य श्रमिकों को इन बातों से अवगत कराने की अपील की. श्रमाधीक्षक विजय कुमार ने कहा कि श्रमिकों को कम मजदूरी देना दंडनीय अपराध है. उन्होंने कहा कि अकुशल, अर्ध कुशल, कुशल, अति कुशल, लिपिकीय आदि श्रेणियों में श्रमिकों को बांटा गया है. सभी श्रेणी के श्रमिकों के लिए अलग-अलग मजदूरी निर्धारित है. मजदूरों को दुर्घटना बीमा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है. उन्होंने श्रमिकों से सरकार की इन योजनाओं का लाभ प्राप्त करने की बात कही. इस मौके पर श्रमाधीक्षक अशोक कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी मनोज कुमार, सुरेंद्र प्रसाद मेहता, पीके वर्मा, अरुण कुमार, अरविंद कुमार, नीलम कुमारी, राम सागर पाल, अजरुन शर्मा सहित सभी 249 पंचायतों के एक -एक श्रमिक व श्रमिक प्रतिनिधि मौजूद थे.