28 अप्रैल का अविश्वास प्रस्ताव स्थगित
बिहारशरीफ/नूरसराय (नालंदा) : नूरसराय प्रखंड के उपप्रमुख कौशलेंद्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया को पटना हाइ कोर्ट ने राहत देते हुए इनके विरुद्ध विरोधियों द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को स्थगित कर दिया है.हाइकोर्ट के इस फैसले के बाद फिर एक बार इनके विरोधी परास्त हो गये हैं. बताते चले कि उपप्रमुख कौशलेंद्र कुमार के खिलाफ […]
बिहारशरीफ/नूरसराय (नालंदा) : नूरसराय प्रखंड के उपप्रमुख कौशलेंद्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया को पटना हाइ कोर्ट ने राहत देते हुए इनके विरुद्ध विरोधियों द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को स्थगित कर दिया है.हाइकोर्ट के इस फैसले के बाद फिर एक बार इनके विरोधी परास्त हो गये हैं.
बताते चले कि उपप्रमुख कौशलेंद्र कुमार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने के लिए इनके विरोधी गुट में शामिल चंडासी के उपेंद्र कुमार, अनिता देवी, पूर्व प्रमुख सुमित कुमार सुमन, संतोष कुमार, कुसुम देवी, नन्ही देवी, इंदल पासवान, टुन्नी देवी, ममता देवी, राम कृष्ण कुमार, रामजी प्रसाद, अवधेश चौहान, सुनीता देवी, मीना देवी सहित कुल 14 पंसस ने प्रखंड विकास पदाधिकारी रणजीत कुमार को लिखित सूचना दी थी.
बताते चलें कि अविश्वास प्रस्ताव लानेवाले इनके विरोधियों ने प्रखंड प्रमुख एवं उपप्रमुख पर प्रखंड में आयी योजनाओं के क्रियान्वयन में मनमानी करने और पंसस सदस्यों की एक नहीं सुनने का आरोप भी लगाया था. इस आलोक में बीडीओ ने 28 अप्रैल यानी मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव के लिए तिथि मुकर्रर की थी. जब इस बात की भनक उपप्रमुख कौशलेंद्र को लगी तो इन्होंने पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए गत 22 अप्रैल, 15 को वहां सीडब्ल्यूजेसी 6386 /2015 नंबर की रिट दायर की.
इस रिट दायर पर हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति जे ज्योति शरण ने 24 अप्रैल को सुनवाई करते हुए 28 अप्रैल के अविश्वास प्रस्ताव को अवैध करार देते हुए इसे खारिज कर दिया. इधर, इस अविश्वास प्रस्ताव के खारिज हो जाने के बाद क्षेत्र के राजनीतिक हलकों में तैर रही बातों पर अगर थोड़ा- सा भी यकीन करें, तो जोड़-तोड़ की इस कवायद में सूबे के एक मंत्री की खास दिलचस्पी देखी जा रही थी.
इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि बीते 19 अप्रैल को स्थानीय सोगरा हाइ स्कूल के मैदान में जदयू का दामन छोड़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय के समक्ष पार्टी की सदस्यता ग्रहण करनेवाले उपप्रमुख कौशलेंद्र के विरुद्ध जदयू खेमे के एक खास लोग गोलबंद हो गये थे और संभवत: इसी खुन्नस को निकालने को लेकर इन्हें उपप्रमुख की कुरसी से गिराने के लिए यह अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. इधर, इस अविश्वास प्रस्ताव को खारिज होने के बाद विपक्षी खेमे ने जल्द ही पटना उच्च न्यायालय जाने की शरण में जाने की बात कही है.