राहत में तेजी लाएं :सीएम
छपरा (सदर): बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण के बाद सारण के जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार के साथ वीडीओ कांफ्रेसिंग के माध्यम से राहत कार्यो की समीक्षा की. समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी का जल स्तर घटा है. ऐसी स्थिति में प्रभावित आबादी को […]
छपरा (सदर): बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण के बाद सारण के जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार के साथ वीडीओ कांफ्रेसिंग के माध्यम से राहत कार्यो की समीक्षा की. समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी का जल स्तर घटा है. ऐसी स्थिति में प्रभावित आबादी को सूखा राहत सामग्री, चूड़ा, गुड़, सत्तू व पका भोजन तत्काल मुहैया कराये. जहां बाढ़ का पानी घट गया है वहां जीआर का वितरण अविलंब कराये. साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फसलों की क्षति का सही आकलन कर व रबी फसल के पहले किसानों को क्षति पूर्ति दे दी जाये. यदि राशि की आवश्यकता हो तो तुरंत मांग की जाये. जिससे राहत वितरण में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो. यहीं नहीं उन्होंने निर्देशित किया कि वैसे व्यक्ति जिनकी मौत बाढ़ के कारण हो गयी है उन्हें तत्काल डेढ़ लाख रुपये मुहैया करायी जाये. साथ ही उनकी सूची उपलब्ध करायी जाये ताकि मुख्यमंत्री राहत कोष से 50 हजार रुपये दिये जा सके. बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा जिस बांध पर पानी का दबाव हो उसे सतत निगरानी करते हुए दुरुस्त करायी जाये. मुख्यमंत्री ने डीएम को खुद जाकर बाढ़ से घिरे लोगों को राहत कैंप में पर्याप्त सुविधा दिलाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि जलापूर्ति, चिकित्सा आदि किसी में कमी नहीं होनी चाहिए. इस अवसर पर आपदा प्रबंधन के मुख्य सचिव व्यास जी ने कहा कि नदी का जल स्तर घट रहा है परंतु, मौसम विभाग के सूचना के अनुसार नेपाल में भारी वर्षा की वजह से एक बार फिर जल स्तर में वृद्धि हो सकती है. जिसके लिए तैयार रहने की जरूरत है. यहीं नहीं सितंबर के दूसरे सप्ताह में लगातार 24 घंटे बारिश के कारण तीन सौ मिलीमीटर बारिश की संभावना है. ऐसी स्थिति में राहत कार्य के लिए पूरी तरह से तैयारी की जरूरत है. वर्ष 2007 में भी पूरे बिहार में 22 जिलों की ढ़ाई करोड़ की आबादी प्रभावित हुई थी. कान्फ्रेसिंग के दौरान सारण के डीडीसी रमण कुमार, कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण उमाशंकर प्रसाद, प्रभारी पदाधिकारी राजेंद्र मंडल आदि उपस्थित थे.
लाखों कीआबादी बाढ़ से पीड़ित
डीएम कुंदन कुमार ने बताया कि सारण जिले के आठ अंचल व 69 पंचायतों के 264 गांवों की 3 लाख 76 हजार की आबादी प्रभावित है. बाढ़ प्रभावितों को राहत कार्य बेहतर ढंग से चलाने के लिए पूरी तैयारी है. 23 सरकारी नाव, 223 निजी नाव के अलावा सात मोटर वोट के द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है. वहीं प्रभावित अंचलों में 20 मोबाइल मेडिकल टीम का गठन किया गया है. जो प्रभावित पंचायतों में भ्रमण कर एवं स्थापित स्वास्थ्य शिविर में लोगों का इलाज करने का काम कर रही है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हाइलोजन टैबलेट, ओआरएस, पैरासिटामोल आदि का वितरण किया गया है. पशुओं के स्वास्थ्य के नव पशु शिविर खोले गये हैं. 210 क्विंटल पशु चारा का वितरण किया जा चुका है. एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ की टीम बाढ़ प्रभावित, सदर रिविलगंज, दिघवारा अंचलों में तैनात की गयी है. 4 सितंबर तक 21 हजार 946 परिवारों के बीच 20 हजार 653 क्विंटल खाद्यान्न, 16 हजार 579 परिवारों के बीच 2 करोड़ 48 लाख 67 हजार रुपये वितरण किया जा चुका है. नौका नियमावली के तहत नाव परिचालन के संबंध में विस्तृत निर्देश अंचल अधिकारियों को उपलब्ध करा दिया गया है. उन्हें नाविकों के बकाया भत्ते के भुगतान का निर्देश दिया.