मृतक पर प्राथमिकी
बिजली चोरी करने के नाम पर विभाग के अधिकारियों की मनमानी चरम पर घर में नहीं है बिजली, पर पहुंच जाता है बिल एकंगरसराय (नालंदा):बिजली चोरी रोकने के नाम पर बिजली विभाग के अधिकारियों की मनमानी चरम पर है. बिजली चोरी रोकने और जुर्माना वसूलने का लक्ष्य पूरा करने के लिए अधिकारी अनाप-शनाप हरकत करने […]
बिजली चोरी करने के नाम पर विभाग के अधिकारियों की मनमानी चरम पर
घर में नहीं है बिजली, पर पहुंच जाता है बिल
एकंगरसराय (नालंदा):
बिजली चोरी रोकने के नाम पर बिजली विभाग के अधिकारियों की मनमानी चरम पर है. बिजली चोरी रोकने और जुर्माना वसूलने का लक्ष्य पूरा करने के लिए अधिकारी अनाप-शनाप हरकत करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं. जिंदा तो जिंदा मुर्दा पर भी बिजली विभाग के अधिकारी कार्रवाई करने से पीछे नहीं रहे. एकंगरसराय के सहायक विद्युत अभियंता सुमित कुमार ने डेढ़ वर्ष पूर्व मखदुमपुर गांव निवासी मृत गणोश रविदास पर एकंगरसराय थाने में बिजली चोरी की प्राथमिकी दर्ज करायी है. यह प्राथमिक अधिकारियों की मनमानी का जीता-जागता उदाहरण है, क्योंकि न केवल मृत व्यक्ति को आरोपित किया गया है, बल्कि प्राथमिकी में श्री कुमार ने दावा किया है कि गणोश रविदास टोका फंसा कर बिजली चोरी कर रहा था और छापेमार दस्ते को देख कर भाग निकला. अब डेढ़ वर्ष पूर्व मरा व्यक्ति इन्हें कैसे बिजली चोरी करते और भागते दिख गया, यह सवाल उठना लाजिमी है. आरोपित गणोश रविदास भौवापुर हसनपुर गाजियाबाद में प्राइवेट कंपनी में कार्य करता था, जहां उसकी मौत 28 दिसंबर, 2011 को हो गयी थी. एक माह पूर्व भी चम्हेड़ा गांव के कृष्णा चौधरी नामक व्यक्ति के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी, जबकि इस नाम का कोई व्यक्ति चम्हेड़ा में नहीं मिला. इसी प्रकार प्रखंड क्षेत्र में कई ऐसे लोगों को बिना कनेक्शन दिये बिजली बिल भेज दिया गया है. बिजली बिल में भी बढ़ा-चढ़ा कर बिल उपभोक्ताओं के पास भेजा जा रहा है. क्षेत्र में कई महादलित परिवार के घरों में बिजली नसीब नहीं हुई, या फिर पूरे परिवार के साथ बाहर रहते हैं. वैसे लोगों के विरुद्ध स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इस तरह की हरकतें ही यह बताने के लिए काफी हैं कि टारगेट पूरा करने और अवैध वसूली के चक्कर में बिजली विभाग के अधिकारी किस कदर मनमानी पर उतारू हैं. किसी के भी कहने पर किसी पर भी विद्युत चोरी की प्राथमिकी दर्ज करायी जा रही है. क्षेत्र में दर्जनों ट्रांसफॉर्मर वर्षो से खराब हैं. अधिकारी अपने विद्युत आपूर्ति राशि की टारगेट पूरा करने के लिए घर बैठे ही बिचौलियों व दलालों के इशारे पर बेगुनाह व बेकसूर लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करा कर कोरम पूरा कर लेते हैं. अपनी नौकरी बचाने के चक्कर में किसी के भी विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करा कर मोटी रकम का जुर्माना वसूल कर अधिकारी से पीठ थपथपा लेते हैं, या फिर पुरस्कार पाने के लिए अगली पंक्ति में खड़े हो जाते हैं. क्षेत्र के दर्जनों किसानों, महादलित परिवार के लोगों ने बताया कि अधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा बेवजह परेशान कर प्रताड़ित किया जाता है.