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जैविक खेती के गुर सीखे

बिहारशरीफ (नालंदा): खेती का गुर सीखने के लिए नालंदा आये झारखंड के 25 किसानों के दल को कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), हरनौत व उद्यान महाविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने एक्सपोजर विजीट के तहत उन्हें शुक्रवार को जैविक ग्राम सोहडीह व सारिलचक का भ्रमण कराया. कृषि विज्ञान केंद्र, हरनौत में पांच दिवसीय प्रशिक्षण में भाग लेने […]

बिहारशरीफ (नालंदा): खेती का गुर सीखने के लिए नालंदा आये झारखंड के 25 किसानों के दल को कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), हरनौत व उद्यान महाविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने एक्सपोजर विजीट के तहत उन्हें शुक्रवार को जैविक ग्राम सोहडीह व सारिलचक का भ्रमण कराया. कृषि विज्ञान केंद्र, हरनौत में पांच दिवसीय प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए आये किसानों ने सोहडीह गांव में जैविक तरीके से की जा रही जैविक खेती का अवलोकन किया. सोहडीह गांव के किसान राकेश कुमार से फूलगोभी उत्पादन के बारे में जानकारी प्राप्त की. झारखंड के किसानों ने बताया कि उनके यहां फूलगोभी 60 दिन में तैयार होती है, जबकि यहां 40 दिन में ही तैयार हो जाती है. उन्होंने फूलगोभी की वेराइटी व उसके बीज डालने के बारे में जानकारी ली.

आलू उत्पादन के संबंध में झारखंड के किसानों ने बताया कि आलू की छरी को बीज के रूप में इस्तेमाल उनके यहां किया जाता है. उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि आलू को काट कर भी बोया जाता है. सोहडीह के किसान राकेश कुमार ने बताया कि आलू को काट कर बीज के रूप में इस्तेमाल करने से उत्पादन ज्यादा होता है. प्याज के उत्पादन के संबंध में झारखंड के किसानों ने बताया कि हाइब्रिड बीज लगाने से पैदावार कम होता है. सोहडीह के किसान राकेश कुमार ने प्याज उत्पादन तथा बीज पैकेजिंग के बारे में बताया. उन्होंने वर्मी कंपोस्ट तैयार करने की विधि भी बतायी. इसके बाद झारखंड से आये किसानों का दल सारिलचक के लिए रवाना हो गया. इस अवसर पर केवीके के कृषि वैज्ञानिक डॉ आनंद कुमार आनंद, डॉ विनोद कुमार, डॉ मुकेश कुमार, उद्यान महाविद्यालय के डॉ आशिष रंजन, मंधीर कुमार राणा आदि मौजूद थे.

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