बिहारशरीफ (नालंदा) . हिंदी दिवस के अवसर पर शनिवार को स्थानीय नालंदा महिला कॉलेज में परिचर्चा का आयोजन किया गया. प्राचार्य डॉ पुष्पलता सिन्हा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व के सारे राष्ट्र अपनी भाषा को उचित सम्मान देकर हीं प्रगति के पथ पर अग्रसर हुआ है, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि राजभाषा का दर्जा मिलने के बाद भी हिंदी को पर्याप्त सम्मान अब तक प्राप्त नहीं हुआ है. अंगरेजी को आज भी लोग स्टेट्स सिंबल के रूप में उपयोग करते हैं. राजभाषा हिंदी एक ऐसी समृद्ध भाषा है, जिन्हें समझने व अपनाने की जरूरत है. कॉलेज के हिंदी विभाग की अध्यक्षता प्रो. उषा वर्मा ने कहा कि राजभाषा हिंदी राष्ट्रीय एकता व सामाजिक सौहार्द को मजबूत करने का सशक्त माध्यम है. हिंदी को दरकिनार कर देश की एकता, अखंडता व समृद्धि की बात करना बेमानी होगी. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि देश में राजभाषा को उचित सम्मान नहीं दिया जा रहा है. राज्य स्तर पर हिंदी के बजाय अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है. सरकार द्वारा भी हिंदी भाषा के विकास के प्रति उदासीन हैं. हकीकत यह है कि नालंदा महिला कॉलेज में 05 हजार छात्रओं को पढ़ाने के लिए महज हिंदी के एक शिक्षक हैं. कमोबेश अधिकतर शिक्षण संस्थानों में हिंदी शिक्षकों की यही स्थिति है. हिंदी भाषा के प्रति छात्र-छात्रओं को आकर्षित करने के लिए सरकार को प्रत्येक शिक्षण संस्थानों में पर्याप्त संख्या में हिंदी शिक्षकों की नियुक्ति करने की जरूरत है. इस मौके पर डॉ किरण व्यास, प्रो दिव्या ज्योति, डॉ हीरा नाथ झा, प्रो आरएन शर्मा, प्रो दिनेश कुमार सिंह, प्रो शांति सिन्हा आदि ने भी विचार व्यक्त किये.
हिंदी दिवस की धूम
रहुई प्रखंड कार्यालय के सभागार में शनिवार को हिंदी दिवस मनाया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव कुमार मेहता ने की. कार्यक्रम का उद्घाटन जिला परिषद् अध्यक्षा सुनीता देवी ने दीप प्रज्वलित कर किया. वक्ताओं ने कहा कि हिंदी दिवस पर लोगों को हिंदी में कार्य करने का संकल्प लेना चाहिए. इस मौके पर उपस्थित बच्चों ने भाषण और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. अच्छा प्रदर्शन करने वाले मांडवी कुमारी, ज्ञान नीतीश कुमार, निकल कुमार, स्वीटी कुमारी, किरण कुमारी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर सीओ सुरेश प्रसाद, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राजकिशोर वत्स, प्रखंड प्रमुख नीतीश चौधरी, प्रखंड साधनसेवी कृष्णदेव चौधरी, जिप सदस्या कंचन सिन्हा आदि लोग उपस्थित थे. वहीं चंडी के भगवानपुर स्थित वीरेंद्र ग्रुप ऑफ एजुकेट में हिंदी दिवस का आयोजन किया गया. हिंदी दिवस पखवारे के मौके पर हिंदी के व्यापक प्रचार-प्रसार तथा कार्य करने का संकल्प लिया गया. संस्था के निदेशक प्रवीण कुमार सुमन ने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, लेकिन आज के युवा वर्ग हिंदी से दूर जा रहे हैं. हिंदी को रोजगारपरक भाषा के रूप में समृद्ध करना आज की जरूरत बन गई है. इस मौके पर प्रीति कुमारी, विनय भूषण पांडेय, उत्तम, संजीव, प्रेम रंजन सहित कई लोगों ने हिंदी को अपनाने पर बल दिया.
किया गया कविता पाठ
सिलाव (नालंदा). हिंदी दिवस के अवसर पर श्री हिंदी पुस्तकालय सिलाव के सभा कक्ष में शनिवार को भव्य कविता पाठ समारोह का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री सुरेंद्र प्रसाद तरुण ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस समारोह में कई नामचीन कवियों ने भाग लिया. उद्घाटन भाषण करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदी का विकास हो रहा है, लेकिन हिंदी वाले हिंदी को बिगाड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री सहित अनेक नेताओं ने हिंदी का सहारा लेकर देश को आजाद कराया. रामधारी सिंह दिनकर, हरिवंश राय बच्चन जैसे कवियों ने हिंदी के विकास पर जोर दिया है. इस अवसर पर प्रो. राज कुमार सिंह, डॉ. जयनंदन पांडेय, बृजनंदन पांडेय, कृष्णनंदन गिरि, संजय कुमार, डॉ भीम राव अंबेदकर, विचार परिषद के अध्यक्ष अमित कुमार पासवान, दिप्ती गौतम, दिपाली गौतम, जय राम सिंह, विजय सिंह, मनोज कुमार, सुरेंद्र वर्मा, सरयुग प्रसाद, रंजीत कुमार वर्मा आदि लोगों ने कविता पाठ किया. सभी की अध्यक्षता डॉ युगेश्वर सिंह ने किया. वहीं हिलसा में कार्यक्रम हुआ. संविधान में हिंदी को राजभाषा का गौरवपूर्ण स्थान प्रदान किया गया है, किंतु कुछ स्वार्थी नागरिकों की वजह से इसकी सर्वत्र दुर्दशा होना दुर्भाग्यपूर्ण है. राजभाषा को मजबूत बनाये बगैर देश की एकता-अखंडता को अक्षुण्ण बनाये रखना असंभव है. मौके पर हिंदी के सेवानिवृत शिक्षक ब्रह्मदेव प्रसादसिन्हा, आरके शशि, किशन कन्हैया, मुकेश समेत कई लोग शामिल थे.