प्रशासन के अड़ियल रवैये के विरोध में राजगीर बंद
सर्कस की सैरात भूमि के साथ छेड़छाड़ पर जताया विरोध प्रशासन पर मनमानी का आरोप राजगीर : जिला प्रशासन के अड़ियल रवैये और सरकार को अपने स्थान से हटाने के विरोध में रविवार को क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया. इस मुद्दे को लेकर राजगीर पूरी तरह बंद रहा. बंद को सफल बनाने […]
सर्कस की सैरात भूमि के साथ छेड़छाड़ पर जताया विरोध
प्रशासन पर मनमानी का आरोप
राजगीर : जिला प्रशासन के अड़ियल रवैये और सरकार को अपने स्थान से हटाने के विरोध में रविवार को क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया. इस मुद्दे को लेकर राजगीर पूरी तरह बंद रहा.
बंद को सफल बनाने में खास कर दुकानदारों ने अहम भूमिका निभायी. स्थानीय लोगों ने राजगीर बस स्टैंड चौक पर धरना दिया, जिसकी अध्यक्षता मेला के पूर्व ठेकेदार अवधेश सिंह ने किया.
इसके समर्थन में सभी दलों और संस्थानों के लोग शामिल हुए. वक्ताओं ने कहा कि विश्व चर्चित मलमास मेला को एक साजिश के तहत अस्मिता मिटाने और एक खास वर्ग को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से प्रशासन काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन संवैधानिक तरीके से काम नहीं करेगी तो मेला जमीन बचाओ अभियान निरंतर चलेगा और बड़े पैमाने पर सड़क पर उतर कर लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जायेगा. मेला बचाव समिति के उमराव प्रसाद निर्मल ने कहा कि जब-जब चुनाव नजदीक आता है सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से ऐसा विवाद खड़ा किया जाता है ताकि एक दल को इसका लाभ मिले.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश जी को इस बात को समझना चाहिए कि राजगीर का मलमास मेला सदियों से निर्विवाद अबाध रूप से लगता आ रहा है. सरकार स्थल खतियान में भी सैरात दर्ज है. फिर भी सरकारी जमीन को दूसरों के हित लाभ के लिए यह साजिश रची जा रही है. यहां कोई विवाद नहीं है. जिला प्रशासन ने इसे पैदा की है.
सर्कस जमीन के विवादित बना कर नया बखेड़ा खड़ा किया गया है. आखिर सर्कस जहां लगता था वहां क्या कारण है कि ठीक मेला के वक्त और जब चुनाव सर पर रहता है तो ऐसी परिस्थितियां बनायी जाती है. उन्होंने कहा कि सर्कस मैदान को अपनाने और हड़पने के प्रयास में टकटकी लगाये लोगों को इससे फायदा होगा.