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आग के बरस रहे गोले से कारोबार भी बाधित
बिहारशरीफ : देह को झुलसा रही भीषण गरमी का बुरा असर कारोबार पर भी दिखने लगा है. नतीजतन जिले के शहरी व सुदूर ग्रामीण क्षेत्र की बाजारों में दोपहर होते ही सन्नाटा पसर जा रहा है. ग्राहक अपनी जरूरत की समानों की खरीदारी में आग बरसा रही सूर्य से परहेज कर रहे हैं. ऐसी स्थिति […]
बिहारशरीफ : देह को झुलसा रही भीषण गरमी का बुरा असर कारोबार पर भी दिखने लगा है. नतीजतन जिले के शहरी व सुदूर ग्रामीण क्षेत्र की बाजारों में दोपहर होते ही सन्नाटा पसर जा रहा है.
ग्राहक अपनी जरूरत की समानों की खरीदारी में आग बरसा रही सूर्य से परहेज कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में जिले के विभिन्न व्यावसायिक मंडी में सामानों की खरीद- बिक्री काफी कम हो पा रही है. हालांकि मई माह के पहले सप्ताह में ऐसी स्थिति नहीं थी. तब सूर्य देव आग के गोले नहीं बरसा रहे थे.
दोपहर में दुकान व सड़कों पर सन्नाटा
शहर की थोक व खुदरा सब्जी, फल, किराना, कपड़ा, हार्डवेयर, सर्राफा बाजार या फिर दवा मंडी हो, सभी जगह दोपहर 12 बजे से 04 बजे तक सन्नाटा पसर रहा है. सन्नाटा भी ऐसा कि इक्का-दुक्का वाहन ही दिख रहे हैं. ऐसी स्थिति में विभिन्न सामानों की मंडियों सहित सड़कों पर कफ्र्यू का अहसास हो रहा है. सामानों की खरीदारी के लिए ग्राहक किसी भी सूरत में लू लगने या गर्म हवा के थपेड़ों को सहना नहीं पसंद कर रहे हैं.
पांच – छह दिनों में ही चौपट हुआ कारोबार
विभिन्न मंडियों के कारोबार में आये गिरावट को देंखे तो सबसे ज्यादा अंडे, मीट व मछली का व्यवसाय चौपट हुआ है. ताजी हरी सब्जियों के तेजी से झुलसने के कारण भी इसके भाव इस कदर लुढक गया है. कपड़ा मंडी में जहां पोलिस्टर कपड़े की खेप पड़ी है, वहीं सूती वस्त्र फुल डिमांड पर चल रही है. टी शर्ट सहित समर कपड़े की खरीदारी में तेजी देखी जा रही है.
फूल डिमांड पर चल रहीं यह वस्तुएं
सूख रहे हलक को तर करने के लिए लोग भीषण गरमी में शिकंजी, लस्सी, नींबू शरबत, दही व मट्ठे आदि का लोग जमकर उपयोग कर रहे हैं. इसी प्रकार तारबूज, लालमी, खीरा, ककड़ी आदि की मांग में अचानक तेजी आ गयी है. ऐसे में यह सभी पेय वस्तुएं एवं विभिन्न फल फुल डिमांड पर चल रहे हैं. जिले के सबसे बड़ी फल मंडी स्थानीय रामचंद्रपुर स्थित बाजार समिति में प्रतिदिन इन फलों की बड़े पैमाने पर खरीद व बिक्री हो रही है.
कूलर व पंखें की बढ़ी मांग :
भीषण गरमी से बचने के लिए लोग कूलर व पंखें का सहारा ले रहे हैं. एसी की भी डिमांड हो रही है. ऐसी स्थिति में बिजली चालित इन सामान को लोग हाथों-हाथ खरीद रहे हैं. नतीजतन इन सामान के फुल डिमांड हो जाने और स्टॉक में कमी होने से इन समानों के भाव में पंद्रह से बीस फीसदी तक वृद्वि देखी जा रही है.
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