खेती की दी गयी जानकारी
बिहारशरीफ (नालंदा) : इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट, भोपाल के छात्रों के दो महीनों की स्थलीय ट्रेनिंग के लिए नालंदा पहुंचे. जीविका विषय पर स्थलीय प्रशिक्षण के लिए नालंदा पहुंचे छात्रों का दल इससे संबंधित जानकारी प्राप्त करेंगे तथा किसानों से अनुभव प्राप्त करेंगे. इसी के तहत छात्रों का दल जैविक ग्राम, सोहडीह में जाकर […]
बिहारशरीफ (नालंदा) : इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट, भोपाल के छात्रों के दो महीनों की स्थलीय ट्रेनिंग के लिए नालंदा पहुंचे. जीविका विषय पर स्थलीय प्रशिक्षण के लिए नालंदा पहुंचे छात्रों का दल इससे संबंधित जानकारी प्राप्त करेंगे तथा किसानों से अनुभव प्राप्त करेंगे.
इसी के तहत छात्रों का दल जैविक ग्राम, सोहडीह में जाकर वर्मी कंपोस्ट तैयार करने की विधि, इसके लाभ, जैविक खेती, खेती के फायदे, लागत आदि की जानकारी प्राप्त की. आइआइएफएम के छात्र कृष्ण कुमार वर्मा, शुभम सोठोनी व शांतनू कुमार सिन्हा ने बताया कि वर्तमान समय में जैविक खेती पर जोर दिया जा रहा है.
फसल पर रासायनिक खादों व कीटनाशक के अंधाधुंध प्रयोग मानव शरीर को प्रभावित कर रहे हैं. इस बात को ध्यान में रख कर जैविक खेती व सब्जी उत्पादन पर जोर दिया जा रहा. वर्मी कंपोस्ट के माध्यम से तैयार खाद का फसल पर दीर्घकालीन प्रभाव पड़ता है.किसान राकेश कुमार ने उन छात्रों को बताया कि यहां किसानों का फेडरेशन है, जिसके माध्यम से उत्पादित सब्जी की मार्केटिंग की जाती है.