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महिलाएं हो रहीं आत्मनिर्भर

सारिलचक गांव मे हो रहा मशरूम का उत्पादन बिहारशरीफ . सिलाव प्रखंड का सारिलचक गांव महिला सशक्तीकरण का बेजोड़ उदाहरण है. इस गांव की अधिकतर महिलाएं मशरूम उत्पादन से जुड़ कर आत्मनिर्भर बन रही है. ये बातें प्रमंडल के संयुक्त कृषि निदेशक वेंकटेश नारायण सिंह ने सारिलचक गांव का भ्रमण एवं मशरूम उत्पादक महिला समूहों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2013 11:03 PM

सारिलचक गांव मे हो रहा मशरूम का उत्पादन

बिहारशरीफ . सिलाव प्रखंड का सारिलचक गांव महिला सशक्तीकरण का बेजोड़ उदाहरण है. इस गांव की अधिकतर महिलाएं मशरूम उत्पादन से जुड़ कर आत्मनिर्भर बन रही है. ये बातें प्रमंडल के संयुक्त कृषि निदेशक वेंकटेश नारायण सिंह ने सारिलचक गांव का भ्रमण एवं मशरूम उत्पादक महिला समूहों से भेंट करने के बाद कही. उन्होंने महिला समूहों द्वारा बड़े पैमाने पर की जा रही मशरूम की खेती, वर्मी कंपोस्ट इकाई, बायो गैस इकाई आदि का निरीक्षण किया. श्री सिंह सुखाड़ की घोषणा होने के बाद कृषि योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए शनिवार को नालंदा पहुंचे थे. उन्होंने अपने दौरे की शुरुआत सारिलचक गांव से की. उन्होंने मशरूम उत्पादक महिलाओं के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं से रूबरू हुए. महिला कृषक निरुपा देवी ने संयुक्त कृषि निदेशक को बताया कि गांव की अधिकतर महिलाएं समूह बना कर मशरूम उत्पादन से जुड़ी हुई है. महिला समूहों द्वारा प्रतिदिन 50 से 60 किलो मशरूम का उत्पादन किया जा रहा है. मार्केटिंग की व्यवस्था न होने का जिक्र करते हुए निरुपा देवी ने कहा कि इसके कारण महिलाएं अधिक मात्र में मशरूम का उत्पादन करने से हिचक रही हैं. महिला समूहों द्वारा लगाये गये वर्मी कंपोस्ट यूनिट एवं बायो गैस इकाई का भी जायजा लिया. उन्होंने कई घंटों में जाकर मशरूम उत्पादन को भी देखा. श्री सिंह ने सारिलचक गांव में बटन मशरूम फ्लोर एवं शेड की व्यवस्था शीघ्र करने का आश्वासन मशरूम उत्पादक महिलाओं को दिया. इसके बाद संयुक्त कृषि निदेशक राजगीर प्रखंड में बने रहे अरिहंत नेयर क्रॉप बायो फर्टिलाइजर यूनिट को देखने पहुंचे. वहां से सिलाव प्रखंड के कटारी गांव में श्रीविधि से की जा रही धान फसल को देखा. इसके बाद नूरसराय प्रखंड के ननौरा गांव में वर्मी कंपोस्ट इकाई को देखा. संयुक्त कृषि निदेशक ने बताया कि सुखाड़ की घोषणा के बाद जिले में चलायी जा रही कृषि योजनाओं जैसे फसल अनुदान, डीजल अनुदान, वैकल्पिक फसल के लिए तोरिया के बीज वितरण की स्थिति का जायजा लेने के लिए नालंदा आया था.

उन्होंने जिले में चलायी जा रही कृषि योजनाओं को बेहतर बताया. इस अवसर पर जिला कृषि पदाधिकारी एसके जयपुरियार, जिला उद्यान पदाधिकारी एके झा, कनीय पौधा संरक्षण पदाधिकारी अनिल कुमार, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के परामर्श दाता कुमार किशोर नंदा, प्रखंड कृषि पदाधिकारी विनोद कुमार श्रीवास्तव, धनंजय कुमार सहित कृषि विभाग के कई कर्मी, मशरूम उत्पादक महिलाएं निरुपा देवी, मंजूला देवी, तारकेश्वरी देवी, शोभा देवी, सुशीला देवी आदि मौजूद थे.

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