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नेपाल के लोगों को भायी नालंदा की सब्जी

बिहारशरीफ (नालंदा) : नालंदा की जैविक सब्जी की मांग स्थानीय बाजारों के अलावा नेपाल तक है. नेपाल के लोगों को नालंदा की जैविक सब्जी खूब भा रही है. इसके लिए वे मुंह मांगी कीमत भी अदा कर रहे हैं. नेपाल में जैविक सब्जी की मांग इतनी है कि उस मांग को पूरा करना मुश्किल हो […]

बिहारशरीफ (नालंदा) : नालंदा की जैविक सब्जी की मांग स्थानीय बाजारों के अलावा नेपाल तक है. नेपाल के लोगों को नालंदा की जैविक सब्जी खूब भा रही है. इसके लिए वे मुंह मांगी कीमत भी अदा कर रहे हैं. नेपाल में जैविक सब्जी की मांग इतनी है कि उस मांग को पूरा करना मुश्किल हो रहा है.

बिहारशरीफ के ग्राम सोहडीह से प्रतिदिन एक गाड़ी जैविक सब्जी रक्सौल जा रही है. इसमें 100 मन से लेकर 150 मन तक करैला व 25 मन कद्दू शामिल है. व्यापारी प्रतिदिन सोहडीह गांव पहुंच कर सब्जी की खरीदारी करते हैं और बोरे में पैक कर उसे वाहन से रक्सौल ले जा रहे हैं.

सोहडीह गांव जैविक सब्जी खरीदने के लिए आये व्यापारी मो नाईव आलम ने बताया कि रक्सौल में नालंदा की जैविक सब्जी की डिमांड काफी अधिक है. उस डिमांड के हिसाब से उसे यहां के किसान पूर्ति कर पाने में असमर्थ हैं. व्यापारी मो भोला आलम ने बताया कि जैविक सब्जी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके दो दिन बासी हो जाने के बाद भी रंग में कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.

बासी सब्जियां भी ताजी जैसी दिखती हैं, जिस कारण इन सब्जियों को बेचने में कोई परेशानी नहीं होती है. इन सब्जियों की कीमत भी अच्छी मिलती है. एक अन्य व्यापारी मो चुन्नू आलम बताते हैं कि सोहडीह स्थित चौपाल से प्रतिदिन छह हजार किलो करैली एवं एक हजार किलो कद्दू रक्सौल भेजी जा रही है. इतनी सब्जियों के रक्सौल में खपत के बारे में पूछने पर वे बताते हैं कि इन सब्जियों को रक्सौल ले जाकर थोक विक्रेता के हाथों बेच दी जाती है.

रक्सौल नेपाल का बॉर्डर है. वहां से ये सब्जियां आसानी से नेपाल ले जायी जाती हैं. नेपाल के लोग इन जैविक सब्जियों को काफी पसंद करते हैं. इधर, सोहडीह के किसान राकेश कुमार ने बताया कि रविवार को 500 किलो जैविक प्याज रक्सौल नमूने के तौर पर भेजा गया है.

वहां से जैविक प्याज की भी मांग हो रही थी, इसी बात को ध्यान में रख कर दस पैकेट जैविक प्याज नमूने के तौर पर रक्सौल भेजी गयी है. किसान राकेश कुमार ने बताया कि जल्द ही जैविक प्याज भी रक्सौल सप्लाइ होने लगेगी.

जैविक सब्जी गुणवत्ता में श्रेष्ठ होने के साथ उसका स्वाद लाजवाब है. जैविक सब्जी का स्वाद एक बार चखने की देरी है. जो जैविक सब्जी का स्वाद एक बार चख लेगा, बार-बार जैविक सब्जी ही खाना पसंद करेगा. जैविक सब्जियों की बढ़ती मांग को देखते हुए जिले के अन्य क्षेत्रों में जैविक सब्जी उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है.
डीएन महतो, जिला उद्यान पदाधिकारी, नालंदा

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