जिले में बारिश के अभाव में धान की रोपनी में सुस्ती
बिहारशरीफ. एक बार फिर से जिले के किसान बेसब्री से आसमान की ओर टकटकी लगाये हैं. बारिश न होने की वजह किसानों की जहां धान की रोपनी का कार्य बाधित हो गया हैं, वहीं धान की रोपनी वाले खेतों की दरारें दिन ब दिन चौड़ी होती जा रही हैं. इससे किसानों की बेचैनी बढ़ी हुई […]
बिहारशरीफ. एक बार फिर से जिले के किसान बेसब्री से आसमान की ओर टकटकी लगाये हैं. बारिश न होने की वजह किसानों की जहां धान की रोपनी का कार्य बाधित हो गया हैं, वहीं धान की रोपनी वाले खेतों की दरारें दिन ब दिन चौड़ी होती जा रही हैं. इससे किसानों की बेचैनी बढ़ी हुई है. सावन माह कीब आधा गुजर चुकी है. पइन, आहर, तालाब, नदियां व खेत सभी सूखे पड़े हैं. ऊपर से भयंकर उमस भरी गरमी पड़ने से किसानों के हौसले पस्त होते जा रहे हैं. सावन शुरू होते वक्त तक जिले में लक्ष्य का करीब 40 फीसदी धान की रोपनी हो चुकी थी. उसके बाद बारिश नहीं होने के कारण धान की रोपनी कार्य मंथर गति से चल रहा है.
माइनस 48 फीसदी बारिश
जिले में अब तक का जो नार्मल बारिश का लक्ष्य है, उससे 48 फीसदी कम बारिश हुई है. 12 अगस्त तक नार्मल बारिश का लक्ष्य 109.4 एमएम निर्धारित था. जबकि अब तक 56.88 एमएम बारिश ही हो सकी है.
डीजल अनुदान किसानों को बुस्ट अप करने में नाकाम
मौसम की दगाबाजी को देखते हुए राज्य सरकार ने धान की रोपनी के लिए डीजल अनुदान देने की घोषणा की है. धान की फसल की तीन पटवन के लिए प्रति पटवन प्रति हेक्टेयर 250 रुपये डीजल अनुदान दिया जा रहा है. डीजल अनुदान की राशि सभी प्रखंडों में किसानों के बीच वितरण के लिए भेज दी गयी है. किसान इस डीजल अनुदान का लाभ भी उठा रहे हैं, मगर धान की रोपनी को जारी रखने के बजाय किसान रोपनी की गयी फसल को बचाने में ही लगे हुए हैं.
79 फीसदी ही हुई है धान की रोपनी
जिले में धान की रोपनी का कार्य अभी लक्ष्य से दूर है. 12 अगस्त तक जिले में 79 फीसदी ही धान की रोपनी हो सकी है. खिली धूप एवं आसमान में बादल नहीं देख किसान परेशान हैं. मौसम की दगाबाजी को देख किसान धान की रोपनी के कार्य से फिलहाल हाथ खींच रहे हैं. अब तक एक लाख 595 हेक्टेयर में ही रोपनी हुई है. जबकि 1.28 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य है.