देश के 33वें विश्व धरोहर बनने की ओर नालंदा खंडहर
काफी उत्साहवर्धक रहा यूनेस्को टीम का रिस्पॉस बिहारशरीफ : देश का तेतीसवां तथा सूबे का दूसरा विश्व धरोहर बनने की ओर अग्रसर है. नालंदा विश्व विद्यालय खंडहर. यूनेस्को की टीम के दौरे के बाद विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय को विश्व धरोहर का मान्यता मिलना लगभग तय माना जा रहा है. उक्त बातें जिला पदाधिकारी डॉ […]
काफी उत्साहवर्धक रहा यूनेस्को टीम का रिस्पॉस
बिहारशरीफ : देश का तेतीसवां तथा सूबे का दूसरा विश्व धरोहर बनने की ओर अग्रसर है. नालंदा विश्व विद्यालय खंडहर. यूनेस्को की टीम के दौरे के बाद विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय को विश्व धरोहर का मान्यता मिलना लगभग तय माना जा रहा है. उक्त बातें जिला पदाधिकारी डॉ त्याग राजन एसएम ने सोमवार को कही.
उन्होंने कहा कि यूनेस्को की टीम ने नालंदा खंडहर व आस पास के क्षेत्रों का जायजा लेने एवं विभिन्न वर्ग के स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने के बाद जो रिस्पॉस दिखाया है, वह काफी उत्साह वर्धक है. इसकी अंतिम रूप से घोषणा अगले वर्ष की जायेगी. डीएम डा. त्याग राजन एसएम ने कहा कि विश्व धरोहर की मान्यता मिलने से इस क्षेत्र में सर्वागीण विकास होगा. पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
मशरूम, सिल्क जैसे अन्य छोटे-छोटे उद्योगों के उत्पादन में वृद्धि के लिए प्रशिक्षण केंद्र व विक्रय केंद्र खुलेंगे. नालंदा खंडहर एवं क्षेत्रों को जोड़ कर बफर जोन बनाया जायेगा. बफर जोन में शामिल क्षेत्र के लोगों की समस्याओं के निदान एवं क्षेत्र के विकास में सहयोग के साथ उनकी सहभागिता सुनिश्चित की जायेगी. इसके लिए वर्तमान में स्टेक होल्डर्स कमेटी का गठन किया गया है. 21 सदस्यीय कमेटी में यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के साथ टमटम चालक,फुटपाथी दुकानदार,बस संचालक सहित सभी वर्गो के लोगों को शामिल किया गया है.
शहरवासियों को पेयजल की समस्या से शीघ्र मिलेगी मुक्ति
डीएम डॉ त्याग राजन ने बताया कि शहर वासियों को पेयजल की समस्या से शीघ्र मुक्ति मिलेगी. इसके लिए वर्तमान में 14 करोड़ रुपये लागत की पेयजलापूर्ति योजना पर कार्य शुरू कर दिया गया है. साथ ही इस योजना के लिए नगर निगम को सरकार द्वारा 12 करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ है. इस योजनाओं के क्रियान्वयन के बाद शहर के किसी भाग में पेयजल की समस्या नहीं रहेगी.
30 किलोमीटर के दायरे में बनेगा ग्रीन फिल्ड:
बिहारशरीफ को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिलने के बाद इसके 30 किलोमीटर के दायरे में आने वाले क्षेत्रों को ग्रीन फिल्ड के रूप में विकसित किया जायेगा. डीएम डॉ त्याग राजन ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत विकास के लिए जो रणनीति बनायी गयी है, उसमें बिहारशरीफ में नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाया.
स्डिवलमेंट योजना के तहत स्लम एरिया में स्थित पुराने भवनों को ध्वस्त कर वहां के लोगों के लिए नया भवन का निर्माण सहित सौंदर्यीकरण जैसे कार्य एवं बिहारशरीफ के 30 किलोमीटर के दायरे में ग्रीन फिल्ड बनाने का कार्य शामिल हैं.
फिलहाल बिहारशरीफ से नालंदा तक सड़क के दोनों ओर दुकानों का निर्माण एवं तकनीकी शिक्षण संस्थानों की स्थापना के साथ अन्य विकास की योजनाओं को मूर्त रूप दिया जायेगा. डीएम ने कहा कि बुद्धिजीवियों के साथ बैठक कर विकास योजना का चयन किया जायेगा.