सर्द पछुआ हवा ने लोगों को सिहराया

बिहारशरीफ : एकाएक मौसम का मिजाज बदलने से लोगों को अक्तूबर में ही दिसंबर माह का एहसास होने लगा है. सर्द पछुआ हवा के चलने से ठंड का एहसास तेज हो गया है. लोग संदूक,गोदरेज में सहेज कर रखे गये गरम कपड़ों को बाहर निकालने को मजबूर हो गये हैं. सड़कों पर चलने वाले स्वेटर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2015 3:19 AM

बिहारशरीफ : एकाएक मौसम का मिजाज बदलने से लोगों को अक्तूबर में ही दिसंबर माह का एहसास होने लगा है. सर्द पछुआ हवा के चलने से ठंड का एहसास तेज हो गया है. लोग संदूक,गोदरेज में सहेज कर रखे गये गरम कपड़ों को बाहर निकालने को मजबूर हो गये हैं. सड़कों पर चलने वाले स्वेटर तथा जैकेट पहने हुए देखे जा रहे हैं.

खास कर दोपहिया वाहनों के सवारों को गरम कपड़े पहले हुए देखा जा रहा है. गुरुवार की संख्या से ही यह नजारा देखने को मिल रहा है. गुरुवार की रात्रि में हलकी बूंदाबादी होने व शुक्रवार की सुबह से लेकर शाम तक सूर्य के बादलों की ओट में छिपे रहने से ठंड का एहसास ज्यादा हो रहा है. रात्रि में पंखे चला कर सोने वाले लोग अब चादर व कंबल ओढ़ कर सोने को विवश हैं.

शुक्रवार को न्यूनतम तापमान कई पायदान नीचे खिसक कर 18 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है,जबकि अधिकतम तापमान में गिरावट हुई है. अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस हो गया है.

मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो हिमालय क्षेत्रों में बर्फबारी व बारिश का असर है. हिमालय की ओर से आने वाली हवाओं ने ठंड का एहसास कराया है. वैज्ञानिकों की मानें तो यह सिलसिला कुछ दिन तक चलेगा. बारिश होने की आशंका भी व्यक्त की जा रही है. अनुमान के मुताबिक बारिश होने पर ठंड में इजाफा हो सकता है.

खरीफ को नुकसान,मगर रबी के लिए फायदेमंद
कृषि विज्ञान केंद्र हरनौत के कृषि वैज्ञानिक डॉ एनके सिंह के मुताबिक यह मौसम खरीद के लिए नुकसानदायक, जबकि रबी फसल के लिए फायदेमंद है. बारिश होने व तेज हवाएं चलने से धान की तैयार फसल गिरने से नुकसान हो सकता है. हथिया नक्षत्र में बारिश नहीं होने से किसानों को रबी फसल की बुआई के लिए खेतों की सिंचाई करनी पड़ रही है.
बारिश होने से किसानों को खेतों की सिंचाई करने से छुटकारा मिलेगा और रबी फसल अच्छी होगी. डॉ सिंह बताते हैं कि यह मौसम गेहूं की फसल बुआई के अनुकूल है. खेतों में नमी रहने से गेहूं की बुआई के बाद अच्छी तरह से अंकुरण होगी. साथ ही तापमान गिरने से कठुआ कीट का प्रकोप फसल पर काफी कम होगा.

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