बिहारशरीफ (नालंदा) . पांच देशों के राजदूतों ने मंगलवार को प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय एवं निर्मित हो रही यूनिवर्सिटी ऑफ नालंदा का भ्रमण किया. प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर पर भ्रमण करने के बाद यूरोपियन यूनियन के राजदूत मिस्टर जोआओ क्रैविन्हो ने कहा कि नालंदा आकर हमलोग अपने आप को भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं. भारत व नालंदा का इतिहास जानकर उन्हें बहुत खुशी हो रही है. तीन दिवसीय बिहार दौरे के क्रम में नालंदा आये हैं. नालंदा पौराणिक विरासतों का अनमोल धरोहर है. प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय छात्रों के बीच केवल सर्टिफिकेट बांटने का कार्य नहीं करता था, बल्कि वह मानव को इनसान व इनसानियत की शिक्षा देता था. 10 हजार छात्र यहां पढ़ते थे, जबकि 1500 शिक्षक छात्रों को पढ़ाते थे. छात्रों को पढ़ाने की शैली को भी उन्होंने अनूठा बताया. इसके बाद राजदूतों की टीम यूनिवर्सिटी ऑफ नालंदा के हो रहे निर्माण कार्यो को देखने के लिए राजगीर रवाना हो गयी. राजदूतों की इस टीम ने यूरोपियन यूनियन के राजदूत के अलावा बेल्जियम के राजदूत मिस्टर पीअरवे वाइसेन, पुर्तगाल के राजदूत मिस्टर जॉर्ज रोजादे ओली वेइरा, स्लोबेनिया के राजदूत मिस्ट्रेस दरजा बावदाज कुरेत एवं हंगरी के राजदूत मिस्टर जानोस टेरेंयी शामिल हैं.
पांच देशों के राजदूतों ने प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के किये दर्शन
बिहारशरीफ (नालंदा) . पांच देशों के राजदूतों ने मंगलवार को प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय एवं निर्मित हो रही यूनिवर्सिटी ऑफ नालंदा का भ्रमण किया. प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर पर भ्रमण करने के बाद यूरोपियन यूनियन के राजदूत मिस्टर जोआओ क्रैविन्हो ने कहा कि नालंदा आकर हमलोग अपने आप को भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं. भारत […]
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