40 करोड़ का चावल घोटाला

बिहारशरीफ : धान को कमटकर चावल देने के मामले में कई अफसरों की गर्दन भी फंस सकती है. मिलरों पर की गयी एफआइआर के बाद अनुसंधान के क्रम में मिलीभगत की कड़ी जोड़ने में पुलिस जुट गयी है. धान को कमटकर चावल देने के मामले में मिलरों द्वारा 40 करोड़ रुपये का चावल का घोटाला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2015 3:50 AM

बिहारशरीफ : धान को कमटकर चावल देने के मामले में कई अफसरों की गर्दन भी फंस सकती है. मिलरों पर की गयी एफआइआर के बाद अनुसंधान के क्रम में मिलीभगत की कड़ी जोड़ने में पुलिस जुट गयी है. धान को कमटकर चावल देने के मामले में मिलरों द्वारा 40 करोड़ रुपये का चावल का घोटाला जिले में हुआ है.

चावल नहीं लौटाने वाले मिलरों पर राज्य खाद्य निगम की जिला शाखा द्वारा 33 मिलरों पर कार्रवाई की गयी है. चावल या रुपये नहीं लौटाने वाले इनमें से 25 मिलरों पर थाने में एफआइआर की गयी है. थाने में जब एफआईआर की गयी तो पुलिस अपने स्तर पर अनुसंधान के क्रम में पायी कि मिलरों को क्षमता से अधिक धान दे दिया गया.

समय पर धान कमटकर नहीं देने पर भी धान देने का सिलसिला डीएमएफसी के अफसर द्वारा जारी रखनेे का मामला स्पष्ट हो रहा है. अब जबकि मामले की जांच जारी है. लोगों की मानें तो पूरे प्रकरण से यह स्पष्ट हो रहा है कि अधिकारियों द्वारा भी मामलों को गंभीरता से नहीं लिया गया. मामले को गंभीरता से लिया जाता तो मिलरों द्वारा इतने बड़े पैमाने पर घोटाला नहीं किया जाता है.

क्या है मामला
किसानों से धान क्रय करने के बाद धान से चावल कमटने के लिए जिले के राइस मिलरों को धान दिये जाते है. इसके लिए डीएमएफसी के द्वारा मिलरों को अनुबंधित किया जाता है. नीयत में खोट आने के बाद मिलरों ने विभाग को चावल देने की बजाय खुद हड़प लिया है. वर्ष 2012-13 व 2013-14 में व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरती गयी थी.

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