डीपीआर की राह पर स्मार्ट सिटी
बिहारशरीफ : शहरवासियों के स्मार्ट सिटी के संबंध में घर-घर बांटे जा रहे फार्म में से अब तक 20 हजार फार्म राय के साथ नगर निगम को प्राप्त हो चुके हैं. 20 हजार फार्मों में से करीब 16 हजार में लोगों ने ग्रीन फील्ड के लिए बिहारशरीफ-नालंदा रोड को चुना है. अभी काफी संख्या में […]
बिहारशरीफ : शहरवासियों के स्मार्ट सिटी के संबंध में घर-घर बांटे जा रहे फार्म में से अब तक 20 हजार फार्म राय के साथ नगर निगम को प्राप्त हो चुके हैं. 20 हजार फार्मों में से करीब 16 हजार में लोगों ने ग्रीन फील्ड के लिए बिहारशरीफ-नालंदा रोड को चुना है.
अभी काफी संख्या में वितरित फार्म नगर निगम को आने बाकी हैं, मगर लोगों के रूझान के आधार पर नगर निगम ने यह मान लिया है कि बिहारशरीफ-नालंदा रोड में ही ग्रीन फील्ड का निर्माण किया जाना है. अब नगर निगम ने आगे की रणनीति भूमि अधिग्रहण सहित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में डीपीआर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. तैयार डीपीआर को 15 दिसंबर तक केंद्र सरकार के पास भेजना जरूरी है. इस बात को ध्यान में रख कर कार्य योजना को तैयार किया जा रहा है.
क्या है स्मार्ट सिटी
अपने शहर को स्मार्ट सिटी में शामिल होने के बाद से ही शहरवासियों को स्मार्ट सिटी के बारे में जानने की उत्सुकता है. स्मार्ट सिटी लोगों के सबसे अहम जरूरतों एवं जीवन स्तर में सुधार करने के लिए सबसे बड़े अवसरों पर ध्यान केन्द्रित करता है. बदलाव के लिए दृष्टिकोण की एक श्रृंखला अपनायी जाती है.
स्मार्ट सिटी के उद्देश्य :
स्मार्ट सिटी मिशन का उद्देश्य ऐसे शहरों को बढ़ावा देने का है, जो मूल बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराये और अपने नागरिकों को एक सभ्य व गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करें. एक स्वच्छ व टिकाऊ पर्यावरण एवं स्मार्ट संसाधनों के प्रयोग का स्मार्ट सिटी मौका देता है.
कोर बुनियादी सुविधाओं के तत्व :
– पर्याप्त पानी की आपूर्ति
– निश्चित विद्युत आपूर्ति
– ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सहित स्वच्छता
– कुशल शहरी गतिशीलता और सार्वजनिक परिवहन
-किफायती आवास विशेष रूप से गरीबों के लिए
– सुदृढ़ आइटी कनेक्टिविटी और डिजिटलीकरण
– सुशासन, विशेष रूप से ई-गर्वनेंस और नागरिक भागीदारी
– टिकाऊ पर्यावरण
– नागरिकों की सुरक्षा व संरक्षा, विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों की सुरक्षा
– स्वास्थ्य व शिक्षा
स्मार्ट सिटी का वित्त पोषण :
स्मार्ट सिटी मिशन एक केंद्र प्रायोजित योजना है. चुने गये शहरों को प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने का प्रस्ताव है.