बैंक मैनेजर की मिलीभगत से फर्जीवाड़ा
बैंक मैनेजर की मिलीभगत से फर्जीवाड़ा बेन (नालंदा)-आये दिन समाचारपत्रों में बिचौलियों व शातिर लोगों द्वारा आर्थिक शोषण किये जाने की खबरें प्रकाशित होती रहती हैं, फिर भी पुलिस प्रशासन इन खबरों से बेखबर है. जब पानी सर से ऊपर बहने लगता है तब प्रशासन हरकत में आता है, तब तक फर्जीवाड़े की चपेट में […]
बैंक मैनेजर की मिलीभगत से फर्जीवाड़ा
बेन (नालंदा)-आये दिन समाचारपत्रों में बिचौलियों व शातिर लोगों द्वारा आर्थिक शोषण किये जाने की खबरें प्रकाशित होती रहती हैं, फिर भी पुलिस प्रशासन इन खबरों से बेखबर है. जब पानी सर से ऊपर बहने लगता है तब प्रशासन हरकत में आता है, तब तक फर्जीवाड़े की चपेट में कई कम पढ़े-लिखे व गरीब लोगों का आर्थिक शोषण हो चुका होता है. दिलचस्प बात तो यह है कि भूमिहीनों को खेतिहर और पूंजीपति बना दिया जाता है और एलपीसी निर्गत कर सरकार को लाखों का चूना लगाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा जाता है. आज बिचौलियों के इशारे पर कितने लोग लालच में फंस कर न्याय की गुहार लगाते फिर रहे हैं. कुछ ऐसा ही मामला बेन प्रखंड में उजागर हुआ है. दलालों ने थाना क्षेत्र के महेशपुर गांव निवासी चंद्रिका प्रसाद व उनकी पत्नी जानकी देवी एवं जनकपुर निवीस सीरी प्रसाद को सब्जबाग दिखा कर अपने झांसे में ले लिया. झांसे में आते ही ऋणधारकों से फोटो, पहचानपत्र और दर्जनों स्थानों पर अंगूठे का निशान भी लगवा लिया गया. अंगूठे का निशान लगाये जानेवाले सभी फार्म मध्य बिहार ग्रामीण बैंक अंबेर चौक, बिहारशरीफ के थे. दलालों ने फर्जीवाड़ा करते हुए इन लोगों के नाम पर भैंस के बदले पावर टीलर की निकासी कर ली और सारे रुपये स्वयं प्रबंधक के मेल से गटक गये. ऋणधरकों के कान तब खड़े हुए जब बैंकों से डेढ़-दो लाख रुपये से अधिक राशि का कर्ज भुगतान करने का नोटिस डाक द्वारा भेजा गया. नोटिस मिलते ही ऋणधारकों के होश उड़ गये और फर्जीवाड़े में संलिप्त मध्य बिहार ग्रामीण बैंक, अंबेर चौक, बिहारशरीफ के प्रबंधक, महेशपुर गांव निवीस यमुना प्रसाद एवं जनकपुर गांव निवासी मुन्ना राम के खिलाफ न्यायालय में 1035/सी3 एवं थाने में कांड संख्या 154/13 दर्ज कराया गया. कांड चंद्रिका प्रसाद द्वारा दर्ज कराया गया है. समाचार लिखे जाने तक कांड दर्ज कराये महीनों बीत गये, किंतु किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो पायी है.