संवाददाता, बिहारशरीफ (नालंदा)
मुख्यमंत्री से मिल कर अपनी मांग रखने से वंचित आंगनबाड़ी सेविकाओं व सहायिकाओं ने सीएम के चले जाने के बाद प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, डीएम पलका साहनी एवं एसपी डॉ सिद्धार्थ को करीब दो घंटे तक कल्याण विगहा स्थित आइटीआइ में घेरे रखा. आंगनबाड़ी को जीविका से अलग रखने, मानदेय में बढ़ोतरी करने सहित पांच सूची मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने के लिए आंगनबाड़ी सेविकाएं एवं सहायिकाएं शुक्रवार को कल्याण विगहा पहुंची थी. मुख्यमंत्री के कल्याण विगहा पहुंचते हीं आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं ने नारेबाजी शुरू कर दी. स्थिति को विस्फोटक होते देख पुलिस कर्मियों ने कुछ पुरुष मददगारों को हिरासत में ले लिया और सेविकाओं तथा सहायिकाओं को मुख्यमंत्री से मिलाने का आश्वासन देकर फिल्ड में बैठा दिया. तीन संस्थानों के उद्घाटन कर लेने के बाद सीएम से मिलवाने की बात सेविकाओं से की गयी थी. सबसे अंत में आइटीआइ का उद्घाटन करने के बाद जब मुख्यमंत्री वापस, पटना लौटने लगे तो आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं के सब्र का बांध टूट गया. सीएम के चले जाने के बाद सेविकाएं एवं सहायिकाएं मुख्य मार्ग पर बैठ कर उसे जाम कर दिया. महिला दारोगा अंजू तिवारी ने अन्य महिला पुलिस कर्मियों के साथ मिल कर आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं को वहां से हटाया. थोड़ी देर के लिए स्थिति सामान्य हो गयी. इसके बाद प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, डीएम पलका साहनी व एसपी डॉ. सिद्धार्थ आइटीआइ भवन में गये. मौका देखकर आंगनबाड़ी सेविकाओं व सहायिकाओं ने आइटीआइ के पास जमा होकर रास्ते को जाम कर दिया. करीब दो घंटे तक सेविकाएं एवं सहायिकाएं तीनों वरीय पदाधिकारियों को घेरे रहीं. उन्हें समझाने की लाख कोशिश की गयी, लेकिन सारे प्रयत्न बेकार हो गये. स्थिति धीरे-धीरे तनावपूर्ण होती चली गयी. इस दौरान कुछ लोगों को पुलिस पर पथराव कर दिया. इसके बाद जिले से और महिला पुलिस कर्मियों को मंगा कर रोड़ेबाजी कर रहे लोगों को लाठीचार्ज करते हुए काफी दूर तक खदेड़ा गया, तब जाकर स्थिति सामान्य हुई. इसके बाद सेविकाओं का एक प्रतिनिधिमंडल को डीएम पलका साहनी ने उनकी बात लिख कर विभाग को भेजने का आश्वासन दिया.