बिल में गड़बड़ी से लोग परेशान, विभाग मौन

बेन : बिजली विभाग की मनमानी से प्रखंड क्षेत्र के उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ रहा है. ऐसे सैकड़ों उपभोक्ता हैं, जिनके बिजली बिल में काफी त्रुटि है. जिसको लेकर उपभोक्ताओं द्वारा बिजली विभाग के कार्यालयों का चक्कर काटने व पदाधिकारियों से संपर्क साधे जाने के उपरांत भी समाधान नहीं हो पा रहा है. जिसके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2015 2:19 AM

बेन : बिजली विभाग की मनमानी से प्रखंड क्षेत्र के उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ रहा है. ऐसे सैकड़ों उपभोक्ता हैं, जिनके बिजली बिल में काफी त्रुटि है. जिसको लेकर उपभोक्ताओं द्वारा बिजली विभाग के कार्यालयों का चक्कर काटने व पदाधिकारियों से संपर्क साधे जाने के उपरांत भी समाधान नहीं हो पा रहा है.

जिसके चलते उपभोक्ताओं में काफी नाराजगी उभर रही है. जिससे एक तरफ तो उपभोक्ता अपना बिजली बिल नियमित जमा नहीं कर पा रहे हैं, तो दूसरी तरफ आर्थिक और मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है. छोटी-मोटी गलितयों को सुधारने में भी विभाग आनाकानी कर रहा है.
ऐसा ही मामला प्रखंड मुख्यालय के गांव बेन,बभनियावां,जनकपुर, नोहसा, कोसानारा के कई उपभोक्ताओं की है. इन गांवों के निवासी अरविंद प्रसाद,रामावतार प्रसाद,रामनंदन प्रसाद,महेश प्रसाद,जानकी देवी,शिवनाथ प्रसाद,उमेश प्रसाद समेत अनेक लोगों ने कहा कि महीने का बिजली बिल 110 रुपये तक आता था,
किंतु सितंबर में बिल में दस गुणा से अधिक बढ़ोतरी कर आ रहा है. जबकि मीटर रीडिंग भी 43 यूनिटी ही बिल पर बताता है, जिसके संबंध में विभाग से पूर्व में संपर्क साधे जाने पर बताया गया था कि बिजली बिल विपत्र में त्रुटियों को सुधार के लिए भेजा गया है.
अगले महीने का बिल सुधार कर भेजा जायेगा. किंतु ऐसा न कर पुन: अक्तूबर व नवंबर महीने के बिल में सुधार के बजाय राशि में दस गुणे से अधिक बढ़ोतरी के साथ विलंब शुल्क जोड़ कर भेजा गया है. बिजली विभाग के इस रवैये से उपभोक्ता कनेक्शन कटाने के मूड में दिखते नजर आ रहे हैं. वहीं उपभोक्ताओं ने यह भी कहा कि यदि बिल त्रुटि नहीं सुधारा गया तो विभागीय पदाधिकारियों के रवैये से प्रांत के मुखिया को अवगत कराया जायेगा.
वहीं इस संबंध में नालंदा अभियंता से दूरभाष पर संपर्क साधने का प्रयास किया गया तो मोबाइल बंद पाया गया. इसके बाद जेई रविशंकर राजन से संपर्क करने पर बताया गया कि भेजे गये सारे बिजली बिल सही है और इसमें किसी भी प्रकार का सुधार नहीं किया जा सकता है.

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