मोटी रकम पर खरीद रहे हैं अपराधी
नालंदा पुलिस कर चुकी है तीन बड़े मामलों का खुलासा
चाइना मेड मोबाइल पसंद कर रहे हैं क्रिमिनल
एक अपराध के लिए एक सिम कार्ड व एक मोबाइल का होता है यूज
बिहारशरीफ : 18 दिसंबर को एक पदाधिकारी से उनके टेलीफोन पर दस लाख की रंगदारी मांगी गयी थी. नहीं देने पर जान से मारने तक की धमकी भी दी गयी थी. मामला जब पुलिस के संज्ञान में आया तो कई चौंकाने वाले रहस्य सामने आये. पुलिस को यह भी पता चला कि कैसे कुछ साइबर एक्सपर्ट व कंप्यूटर फ्रेंडली अपनी जानकारियों का गलत फायदा उठा कर दूसरे के परिचय पत्र पर सिम कार्ड तैयार कर उसे मोटी रकम पर अपराधियों के हाथों बेच देते हैं.
पुलिस ने इस मामले में तीन शातिर युवकों की गिरफ्तारी शहरी क्षेत्र से की थी. जानकारी के अनुसार टेलीफोन से अपराध की नींव रखने वाले क्रिमिनल चाइना मेड मोबाइल का प्रयोग ज्यादा कर रहे हैं. इसके अलावे एक क्राइम के लिए एक नये मोबाइल व एक नये सिम कार्ड का ही प्रयोग किया जाता है.
कैसे होता है अपराधियों के वास्ते सिम कार्ड तैयार
वोटर आइ कार्ड का इपिक नंबर खासा महत्वपूर्ण होता है.अगर शातिर के हाथ किसी का इपिक नंबर लग जाये तो वह पल भर में अपनी नकारात्मक सोच को साबित कर सकता है.
इससे जुड़े एक जानकार ने बताया कि इसके लिए लोगों को सजग रहने की आवश्यकता है. व्यक्तिगत पहचान से संबंधित दस्तावेजों को संभाल कर रखने की आवश्यकता है.इसके अलावे अगर पहचान से संबंधित दस्तावेज का फोटो कॉपी कराने जा रहे हैं तो वहां और चौकस रहने की जरूरत है.
पिछले वर्ष के 11 व 16 दिसंबर को गढ़पर का एक दुकानदार सोहसराय निवासी एक छात्र के इपिक नंबर के आधार पर उसका वोटर आइ कार्ड नेट के माध्यम से निकाल कर उसके नाम पर दो सिम कार्ड बना कर उसे अपराधियों के हाथ में चालीस हजार में बेच डाला था.इसी तरह पिछले वर्ष अक्टूबर माह में खंदक पर से हुए एक छात्र के अपहरण व उसकी हत्या में जिस सिम कार्ड का प्रयोग अपराधियों ने किया था,वह भी इसी अंदाज में बनाये गये थे.