नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी
बिहारशरीफ (नालंदा). सरकारी विभागों में सुरक्षा गार्ड की नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी कर एक शातिर चंपत हो गया. शातिर द्वारा कुल 45 युवकों से करीब 25 लाख रुपये की उगाही की गयी. इस संबंध में पीड़ित युवकों ने पुलिस को एक आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है. मजे की बात […]
बिहारशरीफ (नालंदा). सरकारी विभागों में सुरक्षा गार्ड की नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी कर एक शातिर चंपत हो गया. शातिर द्वारा कुल 45 युवकों से करीब 25 लाख रुपये की उगाही की गयी. इस संबंध में पीड़ित युवकों ने पुलिस को एक आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है. मजे की बात तो यह है कि रुपये लेकर भागने के क्रम में उक्त शातिर द्वारा अपनी बीवी के अपहरण की झूठी कहानी बना कर पुलिस महकमे में भी खलबली मचा दी. हालांकि बाद में जब पुलिस द्वारा इस मामले की जांच सूक्ष्मतापूर्वक की गयी, तो मामला कुछ और निकला.
घटना के संबंध में बताया जाता है कि सोहसराय थाना क्षेत्र के बाइपास स्थित एक मकान में गत तीन माह से टॉप्स ग्रुप इंटरनेशनल सिक्यूरिटी अकादमी के नाम से फर्जी संस्था खोल रखा था. उक्त संस्था में 45 युवकों को सरकारी विभागों में सुरक्षा गार्ड की नौकरी दिलाने के नाम पर प्रशिक्षण दिलाया जा रहा था. प्रशिक्षण से पूर्व सभी युवकों से करीब 25 लाख की उगाही पूर्व में ही कर ली गयी थी. अजय कुमार सिंह उर्फ पंकज कुमार के नाम से अपना परिचय देनेवाला यह शातिर अपने यहां प्रशिक्षण लेनेवाले युवकों को गत एक माह से नौकरी दिलाने के नाम पर बरगला रहा था. शनिवार को युवकों को बगैर कुछ बताये शातिर गायब हो गया. फरार होने के बाद उसने पुलिस के एक वरीय अधिकारी को टेलीफोन कर यह सूचना दी कि कुछ युवक उसकी पत्नी का अपहरण कर बाइपास स्थित रेस्टूरेंट के पास बंधक बना कर रखे हैं. सूचना के बाद मौके पर पहुंचे सोहसराय थानाध्यक्ष रवि ज्योति व लहेरी थानाध्यक्ष संजीव कुमार गुप्ता ने जब मामले की छानबीन की, तो मामला कुछ और निकला. मौके पर मिली उसकी पत्नी ने बताया कि वह पटना की रहनेवाली है. उसने अपना नाम पटना जिले के आलमगंज निवासी मेघ राज सिंह की पुत्री मुस्कान के रूप में अपना परिचय दिया. पुलिस को बताया कि उसका पति फ्रॉड है. उसके द्वारा पूर्व में भी इस तहर की घटना को अंजाम दिया जा चुका है. सोहसराय थानाध्यक्ष ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में यह बात स्पष्ट हो गया है कि मामला पूरी तरह जालसाजी से भरा हुआ है.