कोचिंग संचालक ने फांसी लगा दी जान
घटना के पीछे के कारणों की जानकारी स्पष्ट नहीं परिजन ने जतायी हत्या की आशंका, मां का रो-रो कर बुरा हाल बिहारशरीफ : बुधवार को एक कोचिंग संचालक ने फांसी लगा कर अपनी जान दे दी. घटना शहर के नगर थाना क्षेत्र के गढ़पर स्थित इंगलिश एक्सप्रेस कोचिंग नामक संस्थान में घटी. घटना की जानकारी […]
घटना के पीछे के कारणों की जानकारी स्पष्ट नहीं
परिजन ने जतायी हत्या की आशंका, मां का रो-रो कर बुरा हाल
बिहारशरीफ : बुधवार को एक कोचिंग संचालक ने फांसी लगा कर अपनी जान दे दी. घटना शहर के नगर थाना क्षेत्र के गढ़पर स्थित इंगलिश एक्सप्रेस कोचिंग नामक संस्थान में घटी. घटना की जानकारी के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने शव को नीचे उतार कर अंत्यपरीक्षण के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. यह घटना बुधवार को ढाई बजे के आसपास हुई. कोचिंग के संचालक 26 वर्षीय प्रभात कुमार स्थानीय शिवपुरी पटेल नगर स्थित अपने घर से खाना खाने के बाद चार बजे से शुरू होने वाले बैच के लिए अपने कोचिंग पहुंचे.
जब चार बजे का बैच शुरू होने वाला था तो उसके पहले पहुंचे छात्रों ने देखा कि कोचिंग के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद है. काफी देर तक आवाज देने के बाद अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी तो फौरन स्थानीय नगर थाने और उनके परिजनों को सूचना दी. आनन-फानन में उनके परिजन पहुंचे और पुलिस भी पहुंची. दोनों के समक्ष जब कमरे का दरवाजा तोड़ा गया तो कोचिंग संचालक कमरे में लगे पंखे से झूल रहे थे. उनकी गरदन में कमरे में लगे परदे से फांसी लगी हुई थी.
पुलिस ने शव को नीचे उतारा. कुछ छात्रों ने बताया कि आज उनके सर श्री कुमार सुबह का बैच स्वयं लिये थे और करीब चार बैच की क्लास वे लेकर रोजाना की तरह खाना-खाने अपने घर चले गये. उनके पिता लखेंद्र प्रसाद सिंह जो समाहरणालय में लिपिक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं और उनके छोटे भाई पंचानंद इस हत्या को संदेहास्पद बता रहे हैं. पंचानंद ने कहा कि उनका भाई कभी भी आत्महत्या नहीं कर सकता है. सब कुछ ठीक चल रहा था. कहीं कोई बात नहीं थी.
छात्रों ने भी कहा कि वे आज सुबह काफी प्रसन्न मुद्रा में क्लास लिये. इधर पुलिस भी इस मामले की छानबीन शुरू कर दी है. मृतक कोचिंग संचालक सिलाव थाना क्षेत्र के विडींडीह गांव के रहने वाले थे. इनकी कोचिंग भी अच्छा चल रही थी. इस घटना से उनकी मां काफी विचलित हैं. उनका रो-रो कर बुरा हाल है. स्थानीय सदर अस्पताल में अंत्यपरीक्षण के लिए आये उनके शव पर ही दहाड़ मार-मार कर उनकी मां रोती रहीं. बीच-बीच में वे बेहेश भी हो जाती थी. पिता व भाई भी इस सदमे से कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं थे और बदहवास शव के सामने गिरे पड़े थे.