लू के थपेड़ों से जीना मुहाल, पारा 41 डिग्री के पार

प्यास बुझाने में मशक्कत कर रहे लोग प्याज फसल के पटवन में छूट रहे किसानों के पसीने शेखपुरा : जिले में एक बार फिर जब मौसम ने करवट ली तब चिलचिलाती धूप के साथ पछुआ हवा में लू के थपेड़ों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया. आलम यह है कि लोग पूर्वाह्न 11 बजे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2016 12:46 AM

प्यास बुझाने में मशक्कत कर रहे लोग

प्याज फसल के पटवन में छूट रहे किसानों के पसीने
शेखपुरा : जिले में एक बार फिर जब मौसम ने करवट ली तब चिलचिलाती धूप के साथ पछुआ हवा में लू के थपेड़ों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया. आलम यह है कि लोग पूर्वाह्न 11 बजे से ही घरों में दुबके रहने को विवश हैं. मौसम की इस तपिश की मार स्कूली बच्चे भी झेलने को विवश हैं. अप्रैल महीने में ही इस भीषण गरमी के बीच बच्चे स्कूल से चिलचिलाती धूप में घर लौटने को विवश हैं. मौसम की मार आम और खास दोनों को प्रभावित कर रहा है.
इस लू के थपेड़ों में यात्रा करने वाले लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. यात्री मौसमी फल और बाजारू प्याऊ से अपनी प्यास बुझा रहे हैं. मंगलवार को तेज पछुआ हवा ने कृषकों की भी चिन्ता बढ़ा दी है. खेतों में लगे प्याज फसल की पटवन को लेकर पहले ही लोगों को जलस्तर में भारी गिरावट से परेशानियां हो रही थी, वहीं दूसरी ओर पछुआ हवा ताबड़तोड़ खेतों की नमी सूखा रहा है. ऐसे में पटवन को लेकर किसान अधिक पसीना बहा रहे हैं
41 पार पहुंचा तापमान : इस साल भीषण गरमी की संभावनाओं से लोग परेशान हैं. गुरुवार को जिले का अधिकतम तापमान 41 डिग्री बताया गया. इस भीषण गरमी से राहत को लेकर अभी से ही गरमी की छुट्टी को लेकर निजी स्कूलों में सुगबुगाहट शुरू हो गयी है. दो-चार दिन अगर तापमान का यही आलम रहा तब सरकारी विद्यालयों में भी गर्मी की छुट्टी की मांग तेज हो जाएगी. भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों को लेकर लोग काफी एहतियात बरत रहे हैं.
प्रत्याशी भी परेशान :इन दिनों शादी-विवाह का लगन ओर रबी फसल की कटनी का दौर जोरों पर है. किसानी का काम सुबह और शाम ही निकलता हे. वोटर की व्यस्तता के कारण प्रत्याशी दिन के दोपहरों में चिलचिलाती धूप में वोट मांगने को डोर टू डोर पहुंच रहे हें. दिलचस्प बात यह है कि वोटरों के दरवाजे पर पहुंच रहे प्रत्याशियों को घरों में आवाज देना पड़ रही है़
जिसमें किसानी के काम से थके वोटर की नींद में भी खलल पहुंचती है. ऐसे में महिला प्रत्याशियों को और भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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