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प्रवेश गेट बंद करने पर जताया विरोध बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के डीजे जितेंद्र कुमार के परिसर में प्रवेश के मुख्य द्वार को 7 बजे प्रात: से बंद करने के आदेश पर अधिवक्ताओं ने विरोध जताया. संघ अध्यक्ष प्रभात कुमार रूखैयार ने कहा कि न्यायालय परिसर में प्रवेश हमारा अधिकार है. इसमें समस्याएं और बाधाएं […]
प्रवेश गेट बंद करने पर जताया विरोध
बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के डीजे जितेंद्र कुमार के परिसर में प्रवेश के मुख्य द्वार को 7 बजे प्रात: से बंद करने के आदेश पर अधिवक्ताओं ने विरोध जताया. संघ अध्यक्ष प्रभात कुमार रूखैयार ने कहा कि न्यायालय परिसर में प्रवेश हमारा अधिकार है. इसमें समस्याएं और बाधाएं आने से न्यायालय सहित संबंधित सभी के कामकाज प्रभावित होंगे. सुरक्षा की दृष्टि से किये जा रहे उपाय का हम ससमर्थन करते हैं.
परंतु इसके लिए प्रक्रियाओं को पूरा किया जाना चाहिए जो कामकाज ओर सबके हित में हो. जिसमें किसी को कोई परेशानी न हो. इसके लिए गेट पास से लेकर अन्य प्रक्रियाएं पहले पूरी की जानी चाहिए तथा इस प्रकार की सूचनाओं पर संघ की भी सहमति और विमर्श किया जाना चाहिए. अन्यथा असंतोष और समस्याएं बढ़ेंगी. वहीं सचिव दिनेश कुमार ने कहा कि सुरक्षा आवश्यक है उसमें संघ व सदस्य सहयोग करने को भी सहर्ष तैयार है. परंतु इसमें सभी पक्षों का सहयोग जरूरी है.
सुरक्षा के नाम पर न्याय के मंदिर का दरवाजा पूर्णत: बंद कर देना अनुचित होगा. वहीं डीजे जितेंद्र कुमार ने अधिवक्ताओं के रोष जताने पर कहा कि इसमें उनका कोई आदेश नहीं है. यह हाईकोर्ट व प्रशासन की सुरक्षा दृष्टि से दिये गये आदेश के तहत किया जा रहा है.
जो कि न्यायालय व संघ दोनों के लिए आवश्यक है. समस्याओं के लिए जो आवश्यक होगा उसे विमर्श तथा समयानुकुल हल किया जायेगा. विरोध पर आरक्षी उपाधीक्षक भी परिसर में आये और कहा कि यह सुरक्षा की दृष्टि से व्यवस्था की जा रही है. आरक्षी अधीक्षक अभी अवकाश में हैं और उनके आने के बाद ही सुरक्षा के माकूल कोई अन्य व्यवस्था होगी तब तक व्यवस्था को पूर्ववत रखा जायेगा.
सुरक्षा के लिए व्यवस्था-
न्यायालय परिसर में छपरा, मुजफ्फरपुर तथा अन्य में घटी अपराधिक घटनाओं के मद्देनजर बिहार सरकार गृह विभाग के पत्रांक जिसमें राज्य के सभी जिला एवं अनुमंडल न्यायालयों की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए सभी जिला पदाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को त्रिसदस्यीय समिति गठित कर आवश्यक सुरक्षा मुहैया कराने पर बल दिया गया है.
इसके लिए अधिवक्ताओं को दैनिक पास जारी करने समेत अन्य बिंदुओं को इंगित किया गया है. यह पास जिला न्यायालयों द्वारा जारी किये जायेंगे. यह समिति अपने ऑडिट प्रतिवेदन, सुझाव पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश का लिखित सहमति प्राप्त करेगी. साथ ही समिति सुरक्षा ऑडिट प्रतिवेदन सुझाव व अनुशंसा सहित गृह विभाग एवं विधि विभाग को भेजेगी.
सरकार ने हालिया न्यायालय परिसर में घटे घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़े करने की पूरी व्यवस्था का प्रयास किया है. परंतु इनके बिंदुवार पूर्ति के लिए 15 दिनों का समय है. इस अवधि में बिुदुवार व्यवस्थाएं पहले की जानी चाहिए जिससे रोष बढ़ने की बजाय सुरक्षा और कामकाज कु सुविधा बढ़ेगी.