टीबी उन्मूलन को लेकर सर्च अभियान शुरू

दलित व महादलित के गांवों में चलेगा अभियान कर्मी ले रहे लोगों के बलगम के नमूने प्रयोगशाला में होगी बलगम की जांच बिहारशरीफ : संक्रामक बीमारी टीबी उन्मूलन के लिए जिले में होम सर्च अभियान की शुरुआत की गयी है. यह अभियान जिले के हर प्रखंड में शुरू किया गया है. अभियान की शुरुआत जिला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2016 5:13 AM

दलित व महादलित के गांवों में चलेगा अभियान

कर्मी ले रहे लोगों के बलगम के नमूने
प्रयोगशाला में होगी बलगम की जांच
बिहारशरीफ : संक्रामक बीमारी टीबी उन्मूलन के लिए जिले में होम सर्च अभियान की शुरुआत की गयी है. यह अभियान जिले के हर प्रखंड में शुरू किया गया है. अभियान की शुरुआत जिला यक्ष्मा विभाग की ओर से की गयी है. जिले के दलित व महादलित के गांव-कसबों में होम सर्च अभियान चलाया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि संबंधित टोलों के किसी व्यक्ति में अगर दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी हो रही है तो उसके बलगम की जांच की जाय. अगर जांच में टीबी पॉजिटिव की रिपोर्ट प्राप्त होती है तो संबंधित व्यक्ति का पंजीयन कर उसका इलाज शुरू किया जायेगा.
एसटीएस, आशा कर रहे बलगम के नमूनों का संग्रह: टीबी बीमारी के लक्षण व रोग की पुष्टि के लिए लोगों के बलगम के नमूने संग्रह किये जा रहे हैं. जिले के संबंधित पीएचसी में संचालित डीएमसी के कर्मी एसटीएस,हेल्थ भिजीटर,एसटीएलएस लगे हैं. इसके अलावा संबंधित क्षेत्र में काम करने वाली आशा कार्यकर्ताओं को भी इस कार्य में लगाया गया है.
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी कर रहे मॉनिटरिंग: अभियान की सफलता की जिम्मेवारी जिले के सभी पीएचसी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को दी गयी है. वे अपने स्तर से इसकी मॉनिटरिंग करेंगे. कर्मियों के कार्यों पर नजर रखने की हिदायत दी गयी है.
ताकी अभियान पूरी तरह से जिले में सफल हो सके. अभियान में लगे कर्मियों को इस बाबत दिशा निर्देश देते रहने को कहा गया है. इसके अलावा जिला स्तर पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा.ॅ ललित मोहन प्रसाद व जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डा.ॅ रविन्द्र कुमार भी मॉनिटरिंग करने में लगे हैं.
माइक्रो स्कोपिंग मशीन से होगी बलगम की जांच
संग्रहित बलगम के नमूनों की जांच हर डीएमसी केंद्र पर की जायेगी. टीबी बीमारी की पुष्टि के लिए डीएमसी के तकनीशियन माइक्रो स्कोपिंग मशीन से बलगम की जांच करेंगे. बलगम सैंपल की जांच में अगर टीबी के कीटाणु की पुष्टि होती है तो संबंधित लोगों की जांच रिपोर्ट के आधार चिकित्सा सेवा शुरू की जायेगी.
संबंधित लोगों का पंजीयन कर इलाज शुरू किया जायेगा. साथ ही चिकित्सक के सलाह के मुताबिक रोगियों को टीबी बीमारी से मुक्ति दिलाने के लिए जीवनरक्षक दवाइयां उपलब्ध करायी जाएगी. ताकी मरीज नियमित रूप से दवा का सेवन कर स्वास्थ्य लाभ उठा सकें. यह दवा जिला यक्ष्मा विभाग की ओर से मरीजों को नि:शुल्क उपलब्ध करायी जायेगी.

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