नालंदा में 30 व शेखपुरा में 10 समितियों का चयन
किसानों को दी जा रही मवेशियों की देखभाल की जानकारी बिहारशरीफ : नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के सहयोग कॉम्फेड नालंदा व शेखपुरा जिलों में मवेशियों के स्वास्थ्य में सुधार व दूध की क्वालिटी बढ़ाने के लिए राशन बैलेंसिंग प्रोग्राम संचालित कर रहा है. इसके लिए नालंदा जिले में 30 दूध समितियों, जबकि शेखपुरा जिले में […]
किसानों को दी जा रही मवेशियों की देखभाल की जानकारी
बिहारशरीफ : नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के सहयोग कॉम्फेड नालंदा व शेखपुरा जिलों में मवेशियों के स्वास्थ्य में सुधार व दूध की क्वालिटी बढ़ाने के लिए राशन बैलेंसिंग प्रोग्राम संचालित कर रहा है. इसके लिए नालंदा जिले में 30 दूध समितियों, जबकि शेखपुरा जिले में 100 दूध समितियों का चयन किया गया है. राशन बैलेसिंग प्रोग्राम के तहत कॉम्फेड के प्रतिनिधि किसानों के दरवाजे तक जायेंगे. उन्हें यह बताया जायेगा कि उनके मवेशियों के बेहतर स्वास्थ्य एवं उच्च क्वालिटी के दूध प्राप्त करने के लिए उन्हें क्या खिलाना जरूरी है इसके लिए चुने गये किसानों को दिसंबर माह में ही ट्रेनिंग दी गयी थी.
उसके बाद से फेज वाइ फेज यह प्रोग्राम चलाया जा रहा है. इसके तहत किसानों को यह बताया जा रहा है कि प्रतिदिन दुधारू मवेशी को कितनी मात्रा में सूखा चारा और कितनी मात्रा में चारा देना जरूरी है. असंतुलित आहार देने से मवेशियों को क्या-क्या नुकसान हो सकता है, इसकी भी जानकारी दी जा रही है. इसका कार्यक्रम का उद्वेश्य दूध उत्पादन बढ़ाने के साथ ही दूध की क्वालिटी भी बढ़ाना है उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से किसान किस प्रकार अपने मवेशी को जरूरी पोषक तत्व किस प्रकार उपलब्ध करा सकते हैं, इसके बारे में किसानों के बीच जागरूकता पैदा करना है.
कम कीमत में कैसे अधिकतम उच्च क्वालिटी का दूध किसान कैसे प्राप्त कर सकते हैं, इसकी पूरी जानकारी उन्हें दी जा रही है.
2016 में नालंदा में 50 व शेखपुरा में 30 समितियां खुलेगी
पटना डेयरी प्रोजेक्ट की वर्ष 2016 में नालंदा में कम से कम 50एवं शेखपुरा में 25 से 30 दूध समितियां खोलने का लक्ष्य है यह लक्ष्य न्यूनतम है, अधिकतम कितनी समितियां को पुनर्जीवित करने की भी योजना है. सभी बंद दूध समितियों को अक्तूबर माह तक पुनर्जीवित कर लेने की कॉम्फेड का लक्ष्य है नालंदा में करीब 150 दूध समितियां एवं शेखपुरा में करीब 125 दूध समितियां नन फंक्शनल हैं. नालंदा में करीब 700 दूध समितियां चालू हालत में हैं. इससे प्रतिदिन 55 से 60 हजार लीटर दूध का संग्रह किया जा रहा है. इसी प्रकार शेखपुरा में करीब 200 दूध समितियां चालू हालत में है. और इनके माध्यम से प्रतिदिन करी 14 से 15 हजार लीटर दूध का संग्रह किया जा रहा है.
राशन बैलेसिंग प्रोग्राम के फायदे :
स्थानीय स्तर पर उपलब्ध चारे को कैसे बैलेंस राशन में उपयोग करने का गुर सीखेंगे, दूध की उत्पादता बढ़ाने के साथ ही अधिक फैट कैसे प्राप्त किया जा सकता है.
प्रतिदिन के नेट इनकम को बढ़ाने के तरीके की जानकारी, मवेशियों के गर्भाधान के समय में कमी, जिससे मवेशियों की लाइफ में बढ़ोतरी होगी,मवेशियों के सामान्य स्वास्थ्य में सुधार.
बिहारशरीफ की सुधा डेयरी .
क्या कहते हैं कॉम्फेड के प्रतिनिधि
”नालंदा जो के तहत आने वाले देा जिलों नालंदा व शेखपुरा में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नई समितियां खोलने का प्रस्ताव है नालंदा में 50 एवं शेखपुरा में न्यूनतम 30 दूध समितियां खोली जायेंगी. पूर्व से बंद दूध समितियों को अक्टूबर माह तक पुनर्जीवित किया जायेगा. इसके अलावा नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के सहयोग से नालंदा व शेखपुरा जिलों में राशन बैलेसिंग प्रोग्राम संचालित किया जा रहा है. इसके लिए नालंदा में 30 एवं शेखपुरा में 10 दूध समितियों का चयन किया गया है.”
ओम प्रकाश, कॉम्फेड के प्रतिनिधि बाजार समिति, नालंदा
नालंदा व शेखपुरा जिले की दूध समितियों पर नजर :
नालंदा में चालू दूध समितियां – 700
नन फंक्शनल दूध समितियां – 150
प्रतिदिन दूध का संग्रह – 55 से 60 हजार लीटर
शेखपुरा में चालू दूध समितियां – 200
नन फंक्शनल दूध समितियां – 125
प्रतिदिन दूध का संग्रह – 14 से 15 हजार लीटर
चालू वर्ष में नालंदा में खुलेंगी दूध समितियां – कम से कम 50
शेखपुरा में खुलेगी दूध समितियां – 30
बैलेंस राशन प्रोग्राम नालंदा में – 30 दूध समितियों में
बैलेंस राशन प्रोग्राम शेखपुरा में – 10 दूध समितियों में