डिस्चार्ज पीटीशन कोर्ट ने किया खारिज

आरोप गठन पर सुनवाई छह सितंबर को बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के पाक्सो स्पेशन प्रथम एडीजे शशि भूषण प्रसाद सिंह ने नाबालिक छात्रा दुष्कर्म कांड में आरोपित विधायक राजबल्लभ यादव तथा सुलेखा कुनबे के पक्ष से आरोप गठन खारिज करने की 19 अगस्त को दाखिल की गयी अर्जी को खारिज कर दिया. आरोप गठन पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 1, 2016 4:09 AM

आरोप गठन पर सुनवाई छह सितंबर को

बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के पाक्सो स्पेशन प्रथम एडीजे शशि भूषण प्रसाद सिंह ने नाबालिक छात्रा दुष्कर्म कांड में आरोपित विधायक राजबल्लभ यादव तथा सुलेखा कुनबे के पक्ष से आरोप गठन खारिज करने की 19 अगस्त को दाखिल की गयी अर्जी को खारिज कर दिया. आरोप गठन पर सुनवाई के लिए छह सितंबर की तिथ निर्धारित की है. जबकि अभियोजन पक्ष से स्पेशल पीपी सोमेश्वर दयाल, सुशील कुमार सिन्हा तथा अधिवक्ता वीरेन्द्र प्रसाद ने कोर्ट को हाइकोर्ट के आदेश डेट टू डेट के सुनवाई की कौपी सौपते हुए कहा कि इस मामले में तेजी से सुनवाई की आवश्यकता है.
अन्य प्रक्रियाओं में भी हाइकोर्ट के निर्देशानुसार गति तेज करनी होगी. ज्ञात हो कि आरोप गठन 24 अप्रैल को जिला न्यायालय द्वारा पुलिस अारोप पत्र मिलने के बाद कर दिया गया था. जिसे आरोपित विधायक राजबल्लभ ने हाइकोर्ट ने पुन: जिला न्यायालय के पाक्सो कोर्ट को चार जुलाई को आरोप गठन का निर्देश दिया था. आरोपित विधायक अधिवक्ता कमलेश कुमार व कनीय वीरमणि कुमार ने डिस्चार्ज पीटीशन दाखिल कर कई मुख्य बिंदुओं को बहस के द्वारा स्पष्ट किया था. जिसमें विधायक राजबल्लभ का न तो कहीं नाम है और न ही घटनास्थल आरोपित का निवास है.
पुलिस ने पीड़िता से इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के पहचान के तरीके पर भी सवाल किये थे, जो अनुचित है और उसमें पाक्सो एक्ट का ख्याल नहीं रखा गया है. मेडिकल व एफएसएल रिपोर्ट भी घटना को प्रमाणित नहीं करते हैं. साथ ही कोर्ट से आरोप को इन आधारों पर आरोपित पक्ष के वकीलों ने गलत बताते हुए खारिज करने की दरख्यस्त की थी. वहीं अभियोजन पक्ष के वकीलों ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए कहा था कि आरोप बिल्कुल स्पष्ट है और पूर्व में भी आरोप गठन हो चुका था. इसलिए आरोप गठन पुन: करने में कोई संशय नहीं होनी चाहिए .क्यों कि परिस्थितियां अब भी वहीं है.

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