मत्स्यपालकों को जीवन बीमा का लाभ मिलेगा
बीमा के लिए नहीं देनी पड़ेगी राशि बिहारशरीफ : जिले के मत्स्यपालकों के लिए अच्छी खबर है. इस व्यवसाय से जुड़े मत्स्यपालकों को जीवन बीमा अपने स्तर से कराने की जरूरत नहीं. मत्स्यपालकों को जिला मत्स्य विभाग की ओर से ही दुर्घटना जीवन बीमा का लाभ मिलेगा. इसका लाभ लेने के लिए मछली पालकों को […]
बीमा के लिए नहीं देनी पड़ेगी राशि
बिहारशरीफ : जिले के मत्स्यपालकों के लिए अच्छी खबर है. इस व्यवसाय से जुड़े मत्स्यपालकों को जीवन बीमा अपने स्तर से कराने की जरूरत नहीं. मत्स्यपालकों को जिला मत्स्य विभाग की ओर से ही दुर्घटना जीवन बीमा का लाभ मिलेगा. इसका लाभ लेने के लिए मछली पालकों को किसी तरह की राशि नहीं देनी पड़ेगी. यह योजना एक तरह से मत्स्यपालकों के लिए वरदान साबित हो रही है. मत्स्य विभाग की इस महत्वकांक्षी योजना से जुड़कर जिले के मछलीपालक लाभांवित हो रहे हैं.यह योजना जिले में लागू की गयी है. इस योजना के क्रियान्यवन होने से जिले के मत्स्यपालकों में खुशी व्याप्त है. इस योजना से सैकड़ों मछली पालक चालू वित्तीय वर्ष में लाभांवित होंगे.
श्रमजीवी व स्वावलंबी समितियों के सदस्य होंगे लाभांवित
इस बीमा योजना का लाभ जिले की दो समितियों से जुड़े सदस्यों को मिलेगा. चालू वित्तीय वर्ष में जिले की श्रमजीवी सहयोग समिति व स्वावलंबी समिति के सदस्य इसका लाभ उठा सकेंगे. इसका लाभ इन सदस्यों को जिला मत्स्य विभाग की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा. नियमानुसार सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद सदस्य लाभांवित होंगे. इसका लाभ देने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार पचास-पचास फीसदी राशि वहन करेगी. इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके लिए लाभुकों को अपने स्तर से किसी तरह की राशि जमा नहीं करनी होगी.
सरकार की ओर से ही प्रीमियम राशि दी जाएगी.
जिले में 18 समितियां हैं संचालित
जिले में कुल 18 सहयोग समिति व स्वावलंबी समितियां संचालित हैं. जिसमें श्रमजीवी सहयोग समिति व स्वावलंबी समिति भी शामिल हैं. इन सभी समितियां प्रति दो वर्ष के लिए लाभांवित होंगी. जिला मत्स्य पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि यह योजना केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित है. दोनों सरकारें समान रूप से मत्स्य पालकों को जीवन बीमा की राशि प्रदान की है. योजना से जुड़कर मछली पालक लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बनें.