मेला सैरात की जमीन की नापी आज से
पहल. प्रमंडलीय आयुक्त ने जारी किया सरकारी आदेश राजगीर : बहुचर्चित व विवादित राजगीर मलमास मेला सैरात की भूमि की नापी का फरमान प्रमंडलीय आयुक्त पटना ने जारी किया है. इस बाबत उन्होंने उक्त सैरात की भूमि की नापी का आदेश राजगीर अंचलाधिकारी को दिया है. जिसके आलोक में अंचलाधिकारी द्वारा मंगलवार से मलमास मेला […]
पहल. प्रमंडलीय आयुक्त ने जारी किया सरकारी आदेश
राजगीर : बहुचर्चित व विवादित राजगीर मलमास मेला सैरात की भूमि की नापी का फरमान प्रमंडलीय आयुक्त पटना ने जारी किया है. इस बाबत उन्होंने उक्त सैरात की भूमि की नापी का आदेश राजगीर अंचलाधिकारी को दिया है. जिसके आलोक में अंचलाधिकारी द्वारा मंगलवार से मलमास मेला भूमि की नापी की प्रक्रिया प्रारंभ कर देगी.
उक्त जानकारी देते हुए राजगीर अंचलाधिकारी सतीश कुमार ने बताया कि मलमास मेला भूमि बचाओ समिति राजगीर के द्वारा प्रमंडलीय आयुक्त पटना को एक ज्ञापन सौंपा गया था. जिसमें मलमास मेला सैरात की भूमि हो रही नापी मे बिलंब का जिक्र किया गया था. जिस पर गंभीरता से विचार करते हुए प्रमंडलिय आयुक्त ने उक्त सैरात की भूमि के नापी के आदेश जारी किये हैं. इसके पूर्व भी मलमास मेला भूमि बचाओ समिति द्वारा अनेको बार विभिन्न प्राधिकार मे सैरात की भूमि की नापी के लिए गुहार लगा चुकी है.
इस क्रम इनके द्वारा दिए गए आवेदन मे लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के पदाधिकारी द्वारा भी मलमास मेला भूमि सैरात की समुचित नापी कर आगामी 29 जुलाई 2016 तक कार्यालय को जांच प्रतिवेदन की रिपोर्ट समर्पित करने का आदेश अंचलाधिकारी राजगीर को जारी किया था. विदित हो कि राजगीर
मलमास मेला सैरात की भूमि को लेकर पिछले वर्ष 4 जून को हुए जन आंदोलन के दौरान घटित घटना के आलोक मे क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक पटना प्रक्षेत्र पटना एवं प्रमंडलिय आयुक्त पटना द्वारा दिये अपने आदेश में जिलाधिकारी नालंदा के अलावे अपर समाहर्ता नालन्दा को मलमास मेला भुमि के 73 एकड़ 3 डिसमिल जमीन की नापी कराते हुए अतिक्रमण मुक्त भूमि और अतिक्रमित भूमि की यथास्थिति की रिपोर्ट पेश करने को कहा था . कमिश्नर कार्यालय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह रिपोर्ट अभी तक अप्राप्त है. वहीं इस आलोक मे अनुमंडलाधिकारी राजगीर द्वारा भी डी सी एल आर राजगीर को मेला सैरात की नापी के लिए आदेश निर्गत किया गया था.
इसके पश्चात् डी सी एल आर ने मेला सैरात भूमि की नापी की प्रक्रिया के लिए जिलाधिकारी व अपर समाहर्ता नालन्दा से आमिन की
नियुक्ति की मांग की गई थी. जिसके अंतर्गत भूमि सुधार उप समाहर्ता राजगीर के पत्रांक 897 दिनांक 29 जुलाई 2015 के द्वारा जिला स्तर से आमीन की नियुक्ति की मांग की गई थी. कार्यालय जिलापदाधिकारी एवं अपर समाहर्ता नालन्दा बिहार शरीफ जिला राजस्व शाखा के ज्ञापांक संख्या 2216 दिनांक 4 अगस्त 2015 के आदेश के तहत नवल किशोर प्रसाद सिंह पूर्ण नियोजित आमिन जिला भू अर्जन शाखा एवं राजेन्द्र प्रसाद पूर्ण नियोजित आमिन नूरसराय अंचल को दिनांक 4 अगस्त 2015 से लेकर 8 अगस्त 2015 तक के लिए राजगीर अंचल में प्रतिनियुक्त किया गया था.
इस आदेश में यह भी जिक्र किया गया था कि राजगीर मलमास मेला की जमीन की नापी करना सुनिश्चित करें. मजे की बात है कि उच्च स्तरीय अधिकारियों के आदेश एवं इतना हाई प्रोफाईल मामला होते हुए भी अभी तक इस पर कोई भी कार्रवाई की प्रक्रिया नजर नहीं आ रही थी. मगर अब प्रमंडलिय आयुक्त पटना के इस नये फरमान ने संबंधित विभाग के आला अधिकारियों से लेकर पदाधिकारियों तक को हरकत मे ला दिया है. वहीं दूसरी ओर मलमास मेला भुमि बचाओ समिति ही नहीं बल्कि राजगीर की आम जनता की भी नजर इस अधिकारिक फरमान पर होने वाले कार्रवाई की ओर टिकी हुई है.
चूंकि लोगों का कहना है कि इस मामले मे संबंधित विभाग मलमास मेला सैरात भूमि के स्थायी अतिक्रमणकारी सफेदपोशों के साथ मिली भगत के साथ मामले पर पर्दा डालने की पुरज़ोर कोशिश कर रहे हैं. लोगों की मानें तो इस फरमान ने उनमे हड़कंप मचा दिया है.
जिसके कारण मलमास मेला सैरात भूमि की नापी की प्रक्रिया को बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. परंतु इस आदेश ने अब आम लोगों में थोड़ा भरोसा प्रदान किया है कि शायद इस बार मलमास मेला भूमि की नापी के आदेश का सफर खत्म हुआ. जो अभी तक सिफर साबित हो रहा था .