जिउतिया का उपवास कल व्रती आज करेंगी नहाय-खाय की रस्म जिउतिया सेपुत्र की होती है लंबी आयु
बिहारशरीफ : गुरुवार को जिउतिया व्रत का नहाय खाय तथा शुक्रवार को उपवास रखा जायेगा. पुराणों के अनुसार आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी को प्रदोष काल में जिउतिया व्रत धारण करने का निर्देश दिया गया है. इस रोज माताएं निर्जला उपवास रख कर अपने पुत्रों की दीर्घायु के लिए राजा शालिवाहन के पुत्र राजा जीवमूतवाहन की […]
बिहारशरीफ : गुरुवार को जिउतिया व्रत का नहाय खाय तथा शुक्रवार को उपवास रखा जायेगा. पुराणों के अनुसार आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी को प्रदोष काल में जिउतिया व्रत धारण करने का निर्देश दिया गया है. इस रोज माताएं निर्जला उपवास रख कर अपने पुत्रों की दीर्घायु के लिए राजा शालिवाहन के पुत्र राजा जीवमूतवाहन की पूजा-अर्चना करते हैं.
इस संबंध में पं. श्रीकांत शर्मा ने बताया कि इसे जीवित पुत्रिका तथा खप्तर जीतिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है. इस व्रत को माताओं द्वारा धारण करने से पुत्र की आयु बढ़ती है तथा वंश वृद्धि व सूख समृद्धि की प्राप्ति होती है. उन्होंने बताया कि भविष्य पुराण के अनुसार व्रतियों को तालाब के निमित एक छोटा गड्ढा बनाकर उसमें पाकड़ की डाल रखना चाहिए. कुश से राजा जीवमूतवाहन की मूर्ति बना कर तथा बांस के दोने में पूजन सामग्री रखना चाहिए.
चिल्होरिन तथा सियारिन की मूर्ति बनाकर उसके मस्तक को लाल अथवा पीला रंग से विभूषित करना चाहिए. इसके उपरांत अक्षत,पुष्प,धूप,दीप नैवेद्य,फल आदि से रात में पूजन करना चाहिए. व्रतियों को खीरा बीज, केतारी तथा दूध खाकर व्रत धारण करना चाहिए. इसी प्रकार व्रत का पारण शनिवार को सूर्य को अर्ध्य देने के बाद करना चाहिए तथा जीततोहन को धारण करना चाहिए.