टीकाकरण से रहेंगे सुरक्षित
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने सीडीपीओ व सेविकाओं के साथ की बैठक बिहारशरीफ : च्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीके अवश्य लगाएं. टीके लगाकर बच्चों को जानलेवा बीमारियों से करें सुरक्षित. गांव,कसबों ,टोलों से लेकर शहरी क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को चिंहित कर टीके लगाने का काम सुनिश्चित करें. यह हिदायत सदर […]
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने सीडीपीओ व सेविकाओं के साथ की बैठक
बिहारशरीफ : च्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीके अवश्य लगाएं. टीके लगाकर बच्चों को जानलेवा बीमारियों से करें सुरक्षित. गांव,कसबों ,टोलों से लेकर शहरी क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को चिंहित कर टीके लगाने का काम सुनिश्चित करें. यह हिदायत सदर पीएचसी बिहारशरीफ के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार ने शहरी सीडीपीओ कार्यालय कक्ष में शुक्रवार को आयोजित सेविकाओं की बैठक में सेविकाओं को दी. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने सेविकाओं को निर्देश दिया कि अपने-अपने पोषक क्षेत्रों में घूमकर बच्चों को टेटनस,काली खांसी,पीलिया,हेपेटाइटिस बी आदि बीमारियों से बचाव के लिए उनके अभिभावकों को टीके लगाने के प्रति जागरूक करें. अभिभावकों को टीके के फायदे के बारे में अवश्य जानकारी दें.
ताकि बच्चों के अभिभावक जागरूक होकर नवजात व बच्चों को इसके टीके जरूर लगवायें. यह टीके जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से नि:शुल्क लगाये जाते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में हर बुधवार व शुक्रवार व शहरी क्षेत्र में सोमवार व गुरुवार को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर भी बच्चों को टीके लगाने की व्यवस्था की गयी है.
दस माह से एएनएम को वेतन नहीं
बिहारशरीफ. नवनियुक्त एएनएम को पिछले दस माह से वेतन के लाले पड़े हैं. अभी तक विभाग की ओर से वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है. लिहाजा नवनियुक्त एएनएम के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. पर्व-त्योहारों के मौके पर भी वेतन का भुगतान नहीं हो सका. दशहरा जैसे त्योहार के मौके पर भी वेतन नहीं मिला है. पैसे के अभाव में इनके बाल-बच्चों की पढ़ाई लिखायी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. उक्त एएनएम से कुछ दिसंबर माह 2015 , फरवरी व मार्च 2016 में जिले के विभिन्न अस्पतालों में ज्वाइन किया है. इतने समय बीत जाने के बावजूद भी अब तक इन एएनएम का वेतन का भुगतान अब तक नहीं हो सका है. उक्त लोगों ने विभाग के अधिकारियों से वेतन भुगतान की दिशा में कदम उठाने की मांग की है.
टीके के आच्छादन में लाएं वृद्धि
बच्चों को शत प्रतिशत टीके लगाकर आच्छादन में वृद्धि लायें. ताकी बच्चों को जानलेवा बीमारियों से पूरी तरह से सुरक्षित किया जा सके. बच्चों को जब टीके लगाये जाएंगे तो बच्चे शारीरिक रूप से स्वस्थ् रहेगा. जब बच्चे स्वस्थ होंगे तो शिशु मृत्युदर में काफी कमी आ जाएगी. समय पर नवजात व बच्चों को नियमानुसार टीके लगाने का काम सुनिश्चित करेंगे. इतना ही नहीं गभर्वती माताओं को भी टेटनस से बचाव के लिए उन्हें भी इसके टीके लगाने काम करें. यह काम तभी पूर्ण रूपेण सफलीभूत हो सकेगा जब लोग टीके लगाने के फायदे के बारे में अवगत होंगे.जब लोग जागरूक होंगे तो टीके लगवाने के प्रति भी बराबर सजग रहेंगे.
इस कार्य को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए सीडीपीओ से कहा गया कि टीके कार्य की मॉनिटरिंग करें. समय-समय पर आंगनबाड़ी केन्द्रों का खासकर टीके के दिन आंगनबाड़ी केन्द्रों का भ्रमण जरूर करें. इससे टीके कार्य का सही रूप से मूल्यांकन भी हो सकेगा और सही-सही रिपोर्ट भी प्राप्त सकेगी. इतना ही नहीं सेविकाओं को क्षेत्रों होने वाली समस्याओं से भी अवगत हो सकेंगी. इस मौके पर शहरी सीडीपीओ रागिनी कुमारी, डीआईओ समेत शहरी आंगनबाड़ी केन्द्रों की सेविकाएं आदि लोग उपस्थित थे.