चेक डैम से धान को लाभ सफलता. 125 और चेक डैम बनाने की मंजूरी दी गयी
धान की फसल की हो रही सिंचाई बिहारशरीफ : जिले में बनाये चेक डैम कारगर साबित होने लगा है. चेक डैम से धान की फसलों की सिंचाई सहज हो गया है. चेक डैम स्थल के आसपास के सैकड़ों एकड़ में लगी फसलों का पटवन करना आसान हो गया है. वैसे तो जिले में 16 चेक […]
धान की फसल की हो रही सिंचाई
बिहारशरीफ : जिले में बनाये चेक डैम कारगर साबित होने लगा है. चेक डैम से धान की फसलों की सिंचाई सहज हो गया है. चेक डैम स्थल के आसपास के सैकड़ों एकड़ में लगी फसलों का पटवन करना आसान हो गया है. वैसे तो जिले में 16 चेक डैम बनाये हैं. इन डैम को नदी व आहर पर बनाया गया है.
ताकि नदी व बाहर में पानी को संचय कर बारिश के पानी को बाद में इस्तेमाल की जा सके. जब चेक डैम बनाने का काम शुरू की गयी तो कई स्थलों पर प्रशासन को विरोध का भी सामना करना पड़ था. अब जबकि चेक डैम प्रभावी हो गया तो जिले के विभिन्न स्थलों से और चेक डैम बनाये जाने की मांग किसान कर हैं. किसानों की मांंग पर ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा द्वारा 125 और चेक डैम बनाने की मंजूरी दे दिया गया है. बारिश की पानी कम होने पर नदी आहर प पइन में चेक डैम बनाये जायेंगे.
मनरेगा से बनाये जा रहे चेक डैम
मनरेगा एक रोजगारक योजना है. इसके तहत जॉव क्रियट करने के साथ ही विकास काम करने का प्रावधान है. मनरेगा के तहत होने वाले पूराने काम के साथ ही डीडीसी कुंदन ने जल संचय के लिए कई प्रोजेक्ट बनाये हैं. इसमें चेक डैम,आहर पइन की उड़ाही से लेकर तालाबों की खुदाई समेत कई अन्य काम भी शामिल है. 16 चके डैम से 130 गांवों के 14 हजार 662 किसानों लाभ उठा रहे है.
एक अरब 87 लीटर जल संचय पइन आहर की खुदाई होने से एक अरब 87 हजार लीटर जल संचय हो रहा है. जिले के विभिन्न स्थलों के 537 पइनों की खुदाई करायी गयी है. इसमें 416.97 किलोमीटर कुल क्षेत्र शामिल है.
क्या कहते है अधिकारी :जल संचय प्रोजेक्ट कारगर साबित हो इसके लिए मनरेगा द्वारा काम कराये जा रहे है. किसानों को पूर्ण लाभ मिले इसके लिए काम किये जा रहे है. प्रोजेक्ट पर बेहतर काम करने के लिए इंजीनियरों को कहा गया था. काम होने के बाद किसान अन्य स्थलों पर भी चेक डैम बनाने की मांग कर रहे है. सूची के अनुसार कर्मियों को बआगे काम पर लग जाने का आदेश दिया गया है.