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नीतीश ने अखिलेश को परिवार की छाया से बाहर निकलने की सलाह दी

राजगीर : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सलाह दी कि राज्य में शराबबंदी लागू करके जोखिम उठाएं जिससे उन्हें परिवार की छाया से बाहर निकलने में और आगामी राज्य विधानसभा चुनाव जीतने में मदद मिलेगी. नीतीश ने बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में जदयू के […]

राजगीर : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सलाह दी कि राज्य में शराबबंदी लागू करके जोखिम उठाएं जिससे उन्हें परिवार की छाया से बाहर निकलने में और आगामी राज्य विधानसभा चुनाव जीतने में मदद मिलेगी. नीतीश ने बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अपने पहले भाषण में कहा कि अंग्रेजी में कहावत है नो रिस्क, नो गेन. आप युवा हैं. परिवार की छाया से बाहर निकलने का जोखिम लें और चुनावों में जीत हासिल करें. उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाह रहे नीतीश ने पिछले कुछ महीने में शराबबंदी के संदेश के साथ राज्य के आठ दौरे किये हैं.

नीतीश की अखिलेश को जोखिम उठाने की सलाह

उन्होंने अखिलेश के लिए कहा कि आप जोखिम उठाइए, मैं आपका पुरजोर समर्थन करूंगा. वहीं सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को आडे हाथ लेते हुए नीतीश ने कहा कि हमने उन्हें पुनर्गठित जनता परिवार में अध्यक्ष के पद की पेशकश की थी और संसद में भी संसदीय दल के प्रमुख की भूमिका का प्रस्ताव दिया था. लेकिन वह जनता परिवार से बाहर हो गये और उन्होंने बिहार चुनावों में जो भूमिका निभाई, उससे लगता है कि उन्होंने आफत मोल ले ली जो उनकी पार्टी में गहरे झगड़े में दिखाई दिया. नीतीश कुमार जदयू की राष्ट्रीय परिषद के दो दिवसीय सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित कर रहे थे. सम्मेलन का आज समापन हुआ. राष्ट्रीय परिषद ने जदयू अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति का अनुमोदन किया जिसमें 23 राज्यों से 170 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

हम प्रधानमंत्री के साथ खड़े हैं-सीएम

कुमार ने देश भर से आये पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि मद्यनिषेध का संदेश केंद्र में मौजूदा सरकार के लिए राष्ट्रीय विकल्प को तैयार करने का सकारात्मक एजेंडा बन सकता है. जदयू के पूर्ण सत्र की शुरुआत पठान कोट और उरी आतंकी हमलों में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सेना की कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री की तारीफ वाले होर्डिंग लगाने वाले भाजपा नेताओं की आलोचना करते हुए नीतीश ने कहा कि हम आतंकी हमलों से हमारे देश की सुरक्षा के विषय पर मजबूती से प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के साथ खड़े हैं और लक्षित हमलों के सबूत मांगे जाने का भी समर्थन नहीं करते लेकिन यह जिम्मेदारी प्रधानमंत्री की है कि चुनावों के मद्देनजर सैन्य कार्रवाई का श्रेय लेने के लिए होर्डिंग लगाने से किसी पार्टी या नेता को रोकें. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को प्रेम पत्र लिखना बंद करें और उसे उसी भाषा में कठोर जवाब दें जिसे वह समझता है.

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