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जेठान को ले बाजारों में भारी चहल-पहल

बाजारों में जेठान को ले भारी मात्रा में मंगाये गये गन्ने. बिहारशरीफ : गुरुवार को पूरे जिले में जेठान (देवोत्थान एकादशी) का व्रत धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान विष्णु सोड्षोपचार से पूजा अर्चना कर गन्ना तथा गन्ने का रस समर्पित किया. जेठान को लेकर बाजारों में भारी […]

बाजारों में जेठान को ले भारी मात्रा में मंगाये गये गन्ने.

बिहारशरीफ : गुरुवार को पूरे जिले में जेठान (देवोत्थान एकादशी) का व्रत धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान विष्णु सोड्षोपचार से पूजा अर्चना कर गन्ना तथा गन्ने का रस समर्पित किया. जेठान को लेकर बाजारों में भारी मात्रा में गन्ने बेचे गये. लोगों ने भारी मात्रा में गन्ने की खरीदारी कर उसका रसपान किया. इस संबंध में पं. श्रीकांत शर्मा ने बताया कि हिंदू धर्म में जेठान का बड़ा धार्मिक महत्व है. ऐसी मान्यता है कि वर्षा काल के चार माह तक भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं, जो जेठान के दिन ही जागते हैं. उनके शुषुप्रावस्था में रहने केकारण हिंदू धर्माबलंबियों के सारे मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं.
उन्होंने बातया कि जेठान को एकादशी रहने के कारण श्रद्धालुओं द्वारा एकादशी व्रत रखने से भी अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. गुरुवार को जेठान के दिन से ही दुरागमन, शादी-विवाह, यज्ञोपवित, मुंडन आदि सभी शुभ कार्य शुरू हो गये हैं. जेठान में गन्ने का विशेष महत्व है. पंच अमृतों में गन्ने की रस की गणना होने से श्रद्धालू इसे भगवान विष्णु को जेठान के दिन अर्पित करते हैं. श्रद्धालू प्रसाद के रूप में ही गन्ने का रसपान करते हैं.हिंदू धर्म में शादी-विवाह को एक महत्वपूर्ण धार्मिक संस्कार माना गया है.
युवाओं को वैवाहिक बंधन में बंध कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने तथा पितृऋण को अदा करने की यह परंपरा शुभ मुहूर्तों से जुड़ी है. पं. श्रीकांत शर्मा ने बताया कि जेठान के बाद से नवंबर, दिसंबर तथा जनवरी में कई शुभ लग्न है. शादी-विवाह को लेकर अभी से ही तैयारियां शुरू हो गयी है.

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