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टीबी के संदिग्ध मरीजों की करें पहचान:डॉ रवींद्र

चिह्नित मरीजों को जांच के लिए डीएमसी भेजेंप्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीSpies In Mauryan Dynasty : मौर्य काल से ही चल रही है ‘रेकी’ की परंपरा, आज हो तो देश में मच जाता है बवालRajiv Gauba : पटना के सरकारी स्कूल से राजीव गौबा ने की थी पढ़ाई अब बने नीति आयोग के सदस्यUPS: पुरानी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 17, 2016 4:10 AM

चिह्नित मरीजों को जांच के लिए डीएमसी भेजें

बिहारशरीफ : टीबी पर काबू पाने के लिए क्षेत्रों का परिभ्रमण कर संदिग्ध मरीजों की करें पहचान. चिह्नित मरीजों को बीमारी की जांच के लिए जिले के डीएमसी पर भेजें. इन डीएमसी पर रोगियों के बलगम जांच की सुविधा उपलब्ध है. यह टास्क जिले के एसटीएस व एसटीएलस को दिया गया है. जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रविंद्र कुमार ने उक्त टीबी कर्मियों को सख्त हिदायत दी है कि इस कार्य में किसी तरह की शिथिलता नहीं बरती जाय. प्रतिदिन उक्त कर्मचारी अपने-अपने आवंटित इलाकों का दौरा करें. दौरे में टीबी के संदिग्ध मरीजों की पहचान करें और उसकी सूची बनायें. क्षेत्र भ्रमण के दौरान चिह्नित किये गये संदिग्ध मरीजों के बलगम जांच के लिए निकटवर्ती डीएमसी पर भेजें.जहां पर संदिग्ध मरीजों के बलगम की जांच की जा सके.
इन केंद्रों पर संग्रहित बलगम की जांच माइक्रोस्कोपिक मशीन से जांच तकनीशियन के द्वारा की जाती है. जांच रिपोर्ट में अगर टीबी पॉजिटिव आने पर संबंधित मरीजों का पंजीयन कर अविलंब इलाज सुनिश्चित किया जाय. जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. कुमार ने जिले के दलित व महादलित टोलों में जाने का निर्देश एसटीएस को दिया है. जिस लोगों में दो सप्ताह या इससे अधिक समय से खांसी हो तो वह टीबी हो सकती है. एेसे लोगों को बलगम जांच के लिए केन्द्रों पर भेजें. डीटीओ डॉ. कुमार ने बताया कि टीबी के बलगम जांच के लिए जिला यक्ष्मा केन्द्र में आधुनिक सीबीनैट मशीन लगी हुई है. इस मशीन से टीबी के सूक्ष्म जीवाणुओं को आसानी से पता लगा लिया जाता हैं. सीबीनैट जांच की सुविधा मरीजों को नि:शुल्क उपलब्ध करायी जा रही है. विशेषज्ञ तकनीशियन के द्वारा इस मशीन से मरीजों के बलगम की जांच की जाती है.

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