नोटबंदी के बाद जमीन की रिजस्ट्री में गिरावट
पंद्रह दिनों में 65 फीसदी राजस्व का नुकसान बिहारशरीफ : देश भर में एक हजार व पांच नोट रुपये के नोट बंद होने का असर जमीनों की खरीद-बिक्री पर भारी प्रभाव पड़ा है. नोटबंदी यानि कि आठ नवंबर से लेकर 25 नवम्बर तक जमीनों की खरीदारी में भारी गिरावट आयी है इस पीरियड में जमीनों […]
पंद्रह दिनों में 65 फीसदी राजस्व का नुकसान
बिहारशरीफ : देश भर में एक हजार व पांच नोट रुपये के नोट बंद होने का असर जमीनों की खरीद-बिक्री पर भारी प्रभाव पड़ा है. नोटबंदी यानि कि आठ नवंबर से लेकर 25 नवम्बर तक जमीनों की खरीदारी में भारी गिरावट आयी है
इस पीरियड में जमीनों का निबंधन तो हुआ है पर दो लाख रुपये की जमीनों की नहीं हुई है. यानि कारण है पिछले माह के आठ से 25 अक्टूबर तक होने वाले जमीन निबंधन के राजस्व में 65 फीसदी का नुकसान हुआ है. अक्तूबर नौ से 25 अक्तूबर तक 466 जमीनों का निबंधन हुआ. इससे निबंधन विभाग को एक करोड़ 135 लाख रुपये का राजस्व विभाग को आया. जबकि नोट बंदी के बाद नौ नवंबर से लेकर25 नवम्बर तक 265 जमीनों का निबंधन हुआ. इससे विभाग को मात्र 64 लाख 13 हजार रुपये का राजस्व आया है. खास बात यह भी है कि नोटबंदी के बाद जो 64 लाख प्राप्त हुआ इसमें पुराने निबंधनों के जमा होने की रकम भी शामिल है.नोट बंदी से विभाग को 35 फीसदी ही रास्जव हासिल हो पाया है. इससे पहले जमीनों की खरीद का काम तेजी से हो रहा था. अफसर की माने तो नवम्बर से लेकर मार्च तक जमीन निबंधन ज्यादा होता है. लेकिन अभी हालत बदल गये हैं.
क्या कहते है अधिकारी
नोटबंदी का असर जमीन निबंधन पड़ा है. वार्षिक लक्ष्य हासिल करने में कठिनाई होगी. अब तक 65 फीसदी राजस्व का नुकसान हुआ है. मासिक लक्ष्य भी पिछड़ता जा रहा है. जो जमीन का निबंधन हो रहा है वह कम कीमत की जमीनों की संख्या ज्यादा है.
निरज कुमार,अबर निबंधक पदाधिकारी , नालंदा