विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना से आठ लाभान्वित

बिहारशरीफ : अंतरजातीय विवाह रचाने वाले जोड़ों को सरकार प्रोत्साहन अनुदान योजना के अंतर्गत लाभान्वित कर रही है. नालंदा में भी इस योजना से दर्जनों जोड़ों को लाभ मिल चुका है. जिले में यह योजना समाल कल्याण विभाग के अंतर्गत जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा चलाया जा रहा है. वर्ष 2016 में इस योजना के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2017 4:01 AM

बिहारशरीफ : अंतरजातीय विवाह रचाने वाले जोड़ों को सरकार प्रोत्साहन अनुदान योजना के अंतर्गत लाभान्वित कर रही है. नालंदा में भी इस योजना से दर्जनों जोड़ों को लाभ मिल चुका है. जिले में यह योजना समाल कल्याण विभाग के अंतर्गत जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा चलाया जा रहा है. वर्ष 2016 में इस योजना के तहत अंतरजातीय विवाह करने वाले कुल आठ जोड़े को सरकार द्वारा एकमुश्त राशि सावधि जमा प्रमाण पत्र के माध्यम से दिया जा चुका है.

एक नजर में योजना : अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना के तहत हिंदू धर्म के अंतर्गत अंतरजातीय विवाह करने वाली महिला को एक लाख रुपये का अनुदान दिया जाता है. यह अनुदान राशि 02 सितंबर 2015 के पूर्व विवाह की स्थिति में 50 हजार रुपया दिया जाता था. सरकार इस तिथि के बाद विवाह करने वाले जोड़े को एक लाख रुपये अनुदान दे रही है.
2016 में आठ जोड़े लाभान्वित :
अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना के अंतर्गत वर्ष 2016 में कुल आठ लोगों को लाभ मिल चुका है. यह लाभ बिहारशरीफ में 02, रहुई में 01, सिलाव में 02, हरनौत में 01, इस्लामपुर में 01, अस्थावां में 01 जोड़े को दिया जा चुका है.
विवाह के दो वर्ष के अंदर आवेदन
इस योजना का लाभ लेने के इच्छुक युवक-युवती अपने अंतरजातीय विवाह की तिथि से दो वर्ष के अंदर आवेदन दे सकते हैं. आवेदन के साथ विवाह निबंधन, जाति, निवास एवं आयु प्रमाण पत्र संलग्न करना होता है.
यहां करें आवेदन
योजना लाभ से संबंधित आवेदन इच्छुक जोड़े स्थानीय जिला बाल संरक्षण इकाई के कार्यालय में जमा करा सकते हैं. विस्तृत जानकारी के लिए कार्यालय के लैंडलाइन नंबर 06112-233880 पर संपर्क कर सकते हैं.
जांच के बाद ही स्वीकृति
योजना का लाभ लेने के इच्छुक जोड़े के जमा आवेदन के बाद संबंधित कागजातों की सत्यता एवं स्थल निरीक्षण के बाद ही इसकी स्वीकृति दी जाती है. 2016 में कुल आठ जोड़े को 50 हजार से एक लाख रुपये अनुदान की राशि सावधि जमा प्रमाण पत्र के माध्यम से दिया जा चुका है.
नेहा नुपुर, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, नालंदा

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