विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही उजागर
बस की छत पर सवार थे मिडिल स्कूल के बच्चे लटकते हाइटेंशन तार से भी हो सकता था हादसा शेखोपुरसराय : मानव शृंखला की सफलता को लेकर एक तरफ जहां जिला प्रशासन ने अपने सभी अधिकारियों और कर्मियों को युद्धस्तर पर भीड़ जुटाने में सहयोग करने से लेकर पूरी मुस्तैदी के साथ व्यवस्थित कतार लगाने […]
बस की छत पर सवार थे मिडिल स्कूल के बच्चे
लटकते हाइटेंशन तार से भी हो सकता था हादसा
शेखोपुरसराय : मानव शृंखला की सफलता को लेकर एक तरफ जहां जिला प्रशासन ने अपने सभी अधिकारियों और कर्मियों को युद्धस्तर पर भीड़ जुटाने में सहयोग करने से लेकर पूरी मुस्तैदी के साथ व्यवस्थित कतार लगाने का निर्देश दिया था. वही शेखोपुरसराय में मध्य विद्यालय पांची की बड़ी लापरवाही खुलकर सामने आया है. उक्त विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही के कारण शेखोपुरसराय बाजार में मानव श्रृंखला की कतार के लिए लाए गए स्कूली बच्चों को जहां यात्री बस की छत पर बैठाया गया वहीँ बस को एक ऐसे स्थान पर लगाया गया जहां छत पर बैठे स्कूली बच्चों का विद्युत तार से बड़ा हादसा हो सकता था. लेकिन इसी दरमियान विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही पर स्थानीय लोगों की नजर गई तब वहां बस चालक से लेकर विद्यालय प्रबंधन में खलबली मच गईल.
हलाकि की इस मौके पर यात्री बस चालक बार-बार छत पर छात्रों को बैठाकर ले जाने से इंकार कर रहा था. इतना ही नहीं दबाव बनाए जाने पर विद्यालय प्रबंधन के द्वारा हादसे के किसी जिम्मेवारी के लिए लिखित देने का मांग किया जा रहा था. इसके बावजूद भी विद्यालय प्रबंधन की नींद नहीं खुल सके.
इसके अलावे बस संचालक दूसरा खेप लगाकर छत पर सवार बच्चों को पहुंचाने के लिए भी राजी था. लेकिन इसके बावजूद भी स्कूली बच्चों को छत पर सवार कर ही ले जाया गया. दरअसल यात्री बस से 14 किलोमीटर दूरी पर स्थित पाची से चलकर शेखूपुर सराय बजार के महेश स्थान चौक पर स्कूली बच्चों को कतार लगाने के लिए लाया गया था. इधर विद्यालय के एच.एम. प्रफुल्ल कुमार ने बताया कि मानव श्रृंखला की कतार से वापसी के दौरान यात्री बस पर बच्चों का हुजूम दौड़ पड़ा और छात्र बस की छत पर चढ़ गए.हालांकि बच्चों को उतारने की कोशिश की गयी लेकिन बच्चे वापसी में वहां का विकल्प नहीं होने के कारण छत पर ही वापस लौट गये.